वरुण के बयान पर भाजपा नेतृत्व की सख्ती के मायने
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में तवज्जो नहीं मिलने से नाराज भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भड़ास निकाली ही थी कि उन पर पार्टी नेतृत्व ने कार्रवाई करते हुए उनका नाम चुनाव प्रचारकों से ही हटा दिया। अब उनकी जगह केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को शामिल किया गया है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के इंदौर में वरुण गांधी ने रोहित वेमुला के सुसाइड का मुद्दा उठाया और कहा कि जब मैंने उसका सुसाइड नोट पढ़ा तो मुझे रोना आया, मैं इसलिए जान दे रहा हूं क्योंकि मैंने एक दलित के रूप में जन्म लेकर पाप किया है, मुझे जीने का हक कहां है। इसके साथ ही वरुण ने अल्पसंख्यकों के विकास पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार पर भी सवालिया निशान लगाए थे। इस प्रकार के बागी तेवर तो पहले भी अन्य नेताओं ने दिखाए हैं जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना भी पड़ा है। फिर वरुण गांधी पर तत्परता से कार्रवाई एक खास संदेश देती हुई प्रतीत होती है। इसके मुताबिक जिन नेताओं की जमीन मजबूत नहीं है वो सिर्फ देखने का काम करें न कि सरकार के कामों की आलोचना या समालोचना करें।