लखनऊ:एस जी पी जी आई मे आज डा.नारायन प्रसाद के द्वारा महिलाओं मे किडनी की बीमारी कि जागरूकता के उद्देश्य से एक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
दुनियॉ में किडनी की बीमारी से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। मेडिकल साइंस में इसे क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) कहते हैं। सीकेडी यानी किडनी का काम करना बंद कर देना। इस बीमारी से उबारने के लिए और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मार्च के दूसरे गुरुवार को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है।
इस बार वर्ल्ड किडनी डे और विश्व महिला दिवस एक साथ होने की वजह से इस बार की थीम भी महिलाओं पर केंद्रित है। महिलाओं में इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। शुरुआती स्टेज में इस बीमारी को पकड़ पाना मुश्किल है क्योंकि दोनों किडनी के करीब 60 फीसदी खराब होने के बाद ही खून में क्रिएटनिन बढ़ना शुरू होता है। रक्त में पाए जाने वाले वेस्ट को ही क्रिएटनिन कहते हैं। सामान्यत: किडनी इसे छानकर शरीर से बाहर निकाल देती है लेकिन कई बार शरीर में स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएं होने के बाद किडनी इसे बाहर नहीं कर पाती यही कारण रक्त में इसका स्तर बढ़ने लगता है।
खाएं ज्यादा फल-सब्जियां
अंगूर खाएं क्योंकि ये किडनी से फालतू यूरिक एसिड निकालते हैं।
ग्नीशियम किडनी को सही से काम करने में मदद करता है, इसलिए ज्यादा मैग्नीशियम वाली यानी गहरे रंग की सब्जियां खाएं। कुछ अध्ययनों के मुताबिक, महिलाओं में पुरुषों की तुलना में गंभीर किडनी रोग की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। दोनों का औसत निकाला जाए तो महिलाओं में गंभीर किडनी रोग की समस्या 14 प्रतिशत होती है जबकि पुरुषों में 12 प्रतिशत।
अंगूर खाएं क्योंकि ये किडनी से फालतू यूरिक एसिड निकालते हैं।
ग्नीशियम किडनी को सही से काम करने में मदद करता है, इसलिए ज्यादा मैग्नीशियम वाली यानी गहरे रंग की सब्जियां खाएं। कुछ अध्ययनों के मुताबिक, महिलाओं में पुरुषों की तुलना में गंभीर किडनी रोग की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। दोनों का औसत निकाला जाए तो महिलाओं में गंभीर किडनी रोग की समस्या 14 प्रतिशत होती है जबकि पुरुषों में 12 प्रतिशत।
– 19.50 करोड़ महिलाएं विश्व में किडनी रोग से हैं प्रभावित
– 40 साल की उम्र के बाद हर साल 1 फीसदी की दर से कमजोर होने लगती है किडनी
– 10 में से 1 शख्स को है किडनी रोग
– 02 लाख लोगों को भारत में हर साल किडनी रोग हो जाता है।
– महिलाओं में ज्यादा होता है किडनी रोग का खतरा
यहां हैं वे 10 आदतें जो खराब कर सकती हैं आपकी किडनी
•पेशाब आने पर रोक लेना
•कम पानी पीना
•बहुत ज्यादा नमक खाना
•हाई बीपी के इलाज में लापरवाही
•शुगर के इलाज में कोताही
•बहुत ज्यादा मांस खाना
•ज्यादा मात्रा में पेनकिलर लेना
•बहुत शराब, धूम्रपान करना
•पर्याप्त आराम न करना
•सॉफ्ट ड्रिंक्स व सोडा ज्यादा लेना आमतौर मूत्र मार्ग में संक्रमण और प्रतिकूल गर्भावस्था परिणाम व कम प्रजनन क्षमता की वजह से महिलाओं को गंभीर किडनी रोग हो जाता है।
•पेशाब आने पर रोक लेना
•कम पानी पीना
•बहुत ज्यादा नमक खाना
•हाई बीपी के इलाज में लापरवाही
•शुगर के इलाज में कोताही
•बहुत ज्यादा मांस खाना
•ज्यादा मात्रा में पेनकिलर लेना
•बहुत शराब, धूम्रपान करना
•पर्याप्त आराम न करना
•सॉफ्ट ड्रिंक्स व सोडा ज्यादा लेना आमतौर मूत्र मार्ग में संक्रमण और प्रतिकूल गर्भावस्था परिणाम व कम प्रजनन क्षमता की वजह से महिलाओं को गंभीर किडनी रोग हो जाता है।