वसा कोशिकाओं से भी घट सकता है आपका मोटापा
हमेशा से माना जाता रहा है कि शरीर में मौजूद वसा मोटापा बढ़ाता है। लेकिन एक अध्ययन से पता चला है कि कुछ वसा कोशिकाएं मोटापा घटाने में भी सहायक हो सकती हैं और ऐसी कोशिकाओं को गुड फैट सेल भी कहते हैं।
अध्ययन से पता चला है कि शरीर की उष्मा को नियंत्रित करने वाली श्वेत वसा कोशिकाओं को मटमैली वसा कोशिकाओं (ब्राउन फैट सेल) में परिवर्तित कर मोटापा कम किया जा सकता है।
इस शोध के अनुसार, श्वेत वसा कोशिकाओं को मटमैली वसा कोशिकाओं में परिवर्तित करने की हमारे शरीर की प्राकृतिक प्रणाली को उष्मा का उत्पादन और अनुकंपी तंत्रिका तंत्र (एसएनएस) द्वारा श्वेत वसा कोशिकाओं तक रक्त नलिकाओं की आपूर्ति में वृद्धि मोटापे से लड़ने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।
जॉर्जिया के सेंटर फॉर ओबेसिटी रिवर्सल में शोध विज्ञानी विटाली रायू बताते हैं, उष्मा उत्पादन और अनुकंपी तंत्रिका तंत्र में रक्त की आपूर्ति बढ़ने से श्वेत वसा कोशिकाएं, मटमैली वसा कोशिकाओं में परिवर्तित हो जाती हैं. यह मोटापा से लड़ने में असरदार होती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे शरीर में दो प्रकार की वसा कोशिकाएं होती हैं, श्वेत वसा कोशिकाएं और मटमैली वसा कोशिकाएं. श्वेत वसा कोशिकाएं ऊर्जा या कैलोरी का संचय करती हैं और हार्मोन का निर्माण कर उन्हें रक्त तक पहुंचाती हैं. वहीं भूरी या मटमैली वसा कोशिकाएं ऊर्जा बर्न कर उष्मा का उत्पादन करती हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि भूरी वसा कोशिकाओं की मदद से ऊर्जा को अधिक से अधिक मात्रा में बर्न कर मोटापे को कम किया जा सकता है।