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वायरलेस सिस्टम से चल रहीं ट्रेनें, स्पीड में भी हुआ इजाफा

मुरादाबाद : बालामऊ-ऊन्नाव रेल मार्ग पर संचार के लिए केबिल नेटवर्क के स्थान पर वायरलेस सिस्टम लगाया गया है। इसके अलावा ट्रेनों की स्पीड बढ़कर 75 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है। इससे बालामऊ से उन्नाव तक ट्रेन साढ़े तीन घंटे की बजाय तीन घंटे में ही पहुंच जाएगी। कुछ साल पहले तक मुरादाबाद रेल मंडल का बालामऊ-उन्नाव रेल मार्ग सबसे पिछड़ा हुआ माना जाता था। यहां ट्रेनों का संचालन अंग्रेजों के जमाने के सिस्टम से किया जाता था। सिग्नल देने व लाइन बदलने का काम मैनुअल किया जाता था। यहां टोकन सिस्टम से मालगाड़ी व ट्रेनों को चलाया जाता था।

रेलवे प्रशासन ने ट्रेन संचालन के लिए स्काडा सिस्टम लगाया है। इससे संचार सिस्टम केबिल के स्थान पर वायरलेस सिस्टम पर काम करना शुरू कर दिया गया है। यानी मोबाइल नेटवर्क पर ट्रेन संचालन किया जा रहा है। रेल प्रशासन ने अधिक से अधिक मालगाड़ी चलाने का प्रयास शुरू कर दिया है। इसके साथ वैकल्पिक रेल मार्ग बनाया जा रहा है। इसके तहत 102 किलोमीटर बालामऊ-उन्नाव रेल मार्ग का सुधार कार्य शुरू हो गया है। इस मार्ग पर पांच स्टेशनों व नौ हाल्ट हैं।

15 मार्च 2021 को पुराने सिस्टम के सिग्नल सिस्टम, ट्रेन संचालन सिस्टम को बदलकर आधुनिक सिस्टम लगाए गए हैं। विद्युतीकरण का काम भी पूरा कर लिया गया है। इसके पहले इस मार्ग के स्टेशनों पर संचार सिस्टम बीएसएनएल के केबिल सिस्टम से उपलब्ध होता था। इसके द्वारा ट्रेनों का संचालन सिस्टम, बुकिंग काउंटर, पूछताछ सिस्टम संचालित किया जाता था। इस पर रेलवे को प्रत्येक माह औसत दो हजार रुपये खर्च करना पड़ता था।

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