वायुसेना के जाबाज़ विंग कमांडर अभिनंदन ने फिर शुरू किया मिग-21 उड़ाना
इसी साल फरवरी में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य झड़प के ‘हीरो’ वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने फिर से युद्धक विमान मिग-21 उड़ाना शुरू कर दिया है।
27 फरवरी को पाकिस्तानी और भारतीय वायुसेना के बीच कश्मीर के आसमान में हुई झड़प हुई थी। इस दौरान पाकिस्तानी एफ-16 विमान को मार गिराने के बाद मिग-21 क्रैश में घायल हुए अभिनंदन को गंभीर चोटों के चलते युद्धक विमान की उड़ान भरने से रोक दिया गया था। इसके लिए अब फिट होने के बाद उन्हें फिर से मिग-21 की उड़ान भरने के लिए राजस्थान के एक वायुसैनिक अड्डे पर तैनात किया गया है।
पाकिस्तानी सेना ने घायल अभिनंदन को बंदी बना लिया था
वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यहां सेवारत विंग कमांडर अभिनंदन ने पहले की तरह युद्धक विमान से उड़ान भरनी शुरू कर दी है। वायुसेना के 36 वर्षीय पायलट का मिग-21 पाकिस्तानी विमानों से हवाई झड़प के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर में जा गिरा था। उसके बाद पाकिस्तानी सेना ने घायल अभिनंदन को बंदी बना लिया था। भारत सरकार के दबाव के चलते एक मार्च की रात को पाकिस्तान ने उन्हें रिहा कर दिया था। अभिनंदन के पराक्रम के लिए उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। यह युद्धकाल का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।
चिकित्सा जांच के बाद युद्धक विमान की उड़ान भरने के लिए फिट
बेंगलुरु स्थित वायुसेना के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन ने करीब तीन हफ्ते पहले ही चिकित्सा जांच के बाद युद्धक विमान की उड़ान भरने के लिए फिट करार दिया। पाकिस्तान से लौटने के बाद वर्धमान ने वायुसेना के उच्च अफसरों से जल्द से जल्द कॉकपिट में वापसी की इच्छा जताई थी। इस दौरान करीब दो हफ्ते तक सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी गहन पूछताछ की थी।
पाकिस्तानी विमानों को देश के बाहर खदेड़ा था
उल्लेखनीय है कि पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में विगत 26 जनवरी की रात को भारतीय वायुसेना के कुछ विमानों ने गुलाम कश्मीर समेत पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के कई ठिकानों पर बमबारी की थी। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 27 फरवरी को भारतीय सीमा में घुसपैठ करके भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी। लेकिन विंग कमांडर अभिनंदन समेत पांच जांबाज पायलटों ने मिग-21 विमानों से अमेरिकी एफ-16 विमानों में आए पाकिस्तानी विमानों को देश के बाहर खदेड़ दिया था।