वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर निजी विमानन कंपनी में कार्यरत युवती से होटल रेडिसन में सामूहिक दुराचार के मामले में गुरुवार को सारनाथ की अमनपुरी कॉलोनी निवासी ट्रेवल एजेंट आबिद मोहिउद्दीन को गिरफ्तार कर लिया गया।
आबिद को कैंट पुलिस ने कचहरी के पास से दबोचा। वहीं, मामले में नामजद एक अन्य आरोपी इंडो-थाई विमानन कंपनी के मैनेजर सत्येंद्र सिंह की ओर से सीजेएम कोर्ट में समर्पण की अर्जी दी गई है जबकि दूसरा नामजद आरोपी कादीपुर निवासी डॉ. आशुतोष अस्थाना जिला छोड़कर भाग गया है।
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इस बीच, न्यायालय में पीड़िता का कलमबंद बयान दर्ज किया गया। डॉ. आशुतोष और सत्येंद्र की तलाश में पुलिस की पांच टीमें जुटी हैं। डॉ. आशुतोष और सत्येंद्र के सात करीबियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
डॉ. आशुतोष चिकित्सा सेवा के लिए एयरपोर्ट पर तैनात था। युवती को 27 मार्च को उसने होटल रेडिसन बुलाया था। आरोप है कि होटल के बार में युवती को बीयर में नशीला पदार्थ देने के बाद उसे चौथा तल स्थित एक कमरे में ले जाया गया, जहां डॉ. आशुतोष, सत्येंद्र और अन्य अज्ञात ने उसके साथ गैंगरेप किया।
सीसीटीवी फुटेज से तस्दीक हुई कि होटल रेडिसन में जेट एयरवेज का स्टॉल लगाने वाला और ट्रेवल एजेंट का काम करने वाला आबिद भी वारदात में शामिल था।
गिरफ्तार आबिद से पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। इंस्पेक्टर कैंट ने बताया कि होटल रेडिसन के जिस कमरे में दुराचार हुआ, उसे डॉ. आशुतोष ने बुक कराया था।
वहीं, आरोपी सत्येंद्र की ओर से समर्पण के लिए दी गई अर्जी पर सीजेएम जेपी यादव की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 10 अप्रैल तक आख्या देने का निर्देश कैंट इंस्पेक्टर को दिया है।
बिजनेस पार्टनर बनाने के लिए बुलाया था
वाराणसी कैंट पुलिस की तफ्तीश में सामने आया है कि युवती को बिजनेस पार्टनर बनाने का झांसा देकर होटल में बुलाया गया था। डॉ. आशुतोष और सत्येंद्र ने उसे बताया था कि एयरपोर्ट पर लोडर का अलग काम नए सिरे से शुरू किया जाएगा। इस काम में जो भी मुनाफा होगा, उसके तीनों बराबर के हिस्सेदार होंगे।
एसएसपी राम कृष्ण भारद्वाज ने बताया कि पीड़िता के बयान और होटल रेडिसन की सीसीटीवी फुटेज की तस्दीक की गई है। बताया कि होटल प्रबंधन ने कई स्तर पर चूक की।
जब युवती को नशे की हालत में कमरे में ले जाया जा रहा था तो सीसीटीवी कैमरे से निगरानी के बावजूद होटल प्रबंधन क्या कर रहा था। संदेह होने पर पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी गई। होटल प्रबंधन की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
दूसरे दिन भी डॉक्टर विहीन रहा एयरपोर्ट
बाबतपुर एयरपोर्ट गुरुवार को लगातार दूसरे दिन चिकित्सक विहीन रहा। चिकित्सा सेवा के नाम पर सब कुछ भगवान भरोसे चलता रहा। गनीमत रही कि किसी यात्री की तबीयत इतनी नहीं खराब हुई कि डॉक्टर की जरूरत पड़ती। डॉ. आशुतोष अस्थाना के स्थान पर अब तक नई तैनाती नहीं की गई।
गैंगरेप को मुद्दा बनाने में जुटे राजनीतिक दल
गैंगरेप की वारदात को भले ही होटल रेडिसन में अंजाम दिया गया है लेकिन इसे लेकर बाबतपुर एयरपोर्ट का माहौल गरमाया हुआ है। राजनीतिक दल इसे एयरपोर्ट की धांधलियों और विमानन कंपनियों की मनमानी से जोड़ कर देख रहे हैं।
साथ ही, राजनीतिक दल गैंगरेप को मुद्दा बनाने में जुट गए हैं। इस बीच एयरपोर्ट पर काम करने वाले ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारी डरे-सहमे नजर आ रहे हैं। उन्हें आशंका है कि पुलिस किसी भी व्यक्ति से पूछताछ कर सकती है।
दरअसल, अब तक के ज्यादातर मामले या तो पीड़ितों के चुप्पी साधने से या फिर किसी प्रभाव के कारण दब गए थे। अब ये मामला पुलिस तक पहुंच गया है। हर कोई यह भी जानता है कि इस वारदात की पृष्ठभूमि कहीं न कहीं एयरपोर्ट पर ही है।
राजनीतिक दलों का मानना है कि अगर एयरपोर्ट की व्यवस्थाओं में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद नहीं होता तो हालात ऐसे नहीं होते। कहना है कि पूर्व में हुई इस तरह की घटनाओं पर कार्रवाई न होने से नियमों को तोेड़ने वालों का हौसला बढ़ता गया। गैंगरेप की वारदात और एयरपोर्ट पर तैनात कर्मियों की संलिप्तता इसीका नतीजा है।
पूर्व सांसद तूफानी सरोज ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति के साथ-साथ यह एयरपोर्ट पर अनियमितताओं का भी नतीजा है। गैंगरेप मामले की जांच के साथ-साथ इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि एयरपोर्ट पर नियुक्तियों और ठेकों में किस-किस तरह की मनमानी की जाती है।