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नई दिल्ली : सीपीडब्ल्यूडी के 165वें स्थापना दिवस पर आज समारोह को संबोधित करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जुलाई, 1854 में गठन के बाद से ही सीपीडब्ल्यूडी देश के विकास के लिए जरूरी ढांचागत निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि बिना कोई पेड़ काटे 45 दिनों के भीतर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि ‘सदैव अटल का निर्माण, सरकारी भवनों के कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाने के लिए वहां सौर ऊर्जा पैनल लगाने और बागवानी के लिए बेंगलुरु स्थित ‘सर विश्वेशरैया केन्द्रीय भवन में जल शोधन संयंत्र का निर्माण सीपीडब्ल्यूडी के कार्यों के कुछ बेहतरीन उदाहरण है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह कार्यशैली स्वच्छ भारत मिशन और कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण के लिए शुरू की गई अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) जैसे अभियानों की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी न केवल वैश्विक वास्तु और टिकाऊपन के मानकों के अनुरूप काम किया है, बल्कि देश भर के संस्थानों के लिए भी यह मानक तय करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
सीपीडब्ल्यूडी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक प्रभाकर सिंह और कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वेस्टर्न कोर्ट के एनेक्सी भवन के उद्घाटन अवसर पर 4 अप्रैल 2018 को दिए गए भाषण में सीपीडब्ल्यूडी की प्रशंसा में कही गई बातों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था ‘ आम तौर पर लोग सरकारी भवनों को भरोसे के लायक नहीं मानते। वे ऐसा सोचते हैं कि निजी ठेकेदार बेहतर काम कर सकते हैं लेकिन जब वे द्वारा बनाए गए ऐसे भवनों को देखते हैं तो उनकी सोच गलत साबित होती है और यह भरोसा बनता है कि सीपीडब्ल्यूडी जैसी सरकारी एजेंसियां कम खर्चे में समय के भीतर अच्छा काम कर सकती हैं। कम समय,कम लागत और बेहतर काम के सिद्धांत को सीपीडब्ल्यूडी ने बखूबी अपनाया है। मैं इस परियोजना की सफलता के लिए सीपीडब्ल्यूडी के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को तहेदिल से बधाई देता हूं। सीपीडब्ल्यूडी द्वारा इस बार अपने वार्षिक दिवस समारोह के विषय के रूप में ‘ न्यू इंडिया के लिए अभिनव विकास को चुने जाने का जिक्र करते हुए केन्दीय मंत्री ने सीपीडब्ल्यूडी में आग्रह किया कि वह इसका पूरे कौशल, गति और दक्षता के साथ अनुसरण करें विशेष रूप से नयी और वैकल्पिक निर्माण प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में आने वाली नई चुनौतियों से माननीय प्रधान मंत्री की न्यू इंडियाकी सोच के अनुरूप निबटें। प्रधानमंत्री के ‘ सबका साथ सबका विकास के मंत्र , 2024 तक भारत के 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने तथा 2024 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाने का उल्लेख करते हुए पुरी ने कहा कि ऐसा नवीन ,टिकाउु और समावेशी अवसंरचना विकास के माध्यम से ही संभव हो पाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उपरोक्त लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए विभिन्न मंत्रालयों ,संगठनों और उद्योंगो के बीच परस्पर सूचनाओं और विशेषज्ञता के आदान प्रदान के माध्?यम से सीपीडब्लयूडी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।