अद्धयात्म
विघ्नहर्ता और भगवान विश्वकर्मा एक साथ विराजेंगे

17 सितंबर को गणेश चतुर्थी है और इसी दिन विश्वकर्मा पूजन भी है। सौ साल में पहली बार एक ही दिन गणेश, विश्वकर्मा और सूर्यदेव की आराधना होगी। सूर्य देव की आराधना इस दिन इसलिए की जाएगी क्योंकि इस दिन सूर्य कन्या राशि में संक्रमण करेगा। विश्वकर्मा जयंती उसी दिन मनाई जाती है, जब सूर्य कन्या राशि में संक्रमण करता है। इस विशेष दिन कई शुभ संयोग बनेंगे। इसमें खरीदारी या किसी शुभ कार्य की शुरूआत करना फलदायी होगा। विश्वकर्मा पूजन पर सूर्य 17 सितंबर को रात 3 बजकर 29 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश करेगा। इसी दिन पूजन उत्सव मनाया जाएगा।