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विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी, माल्या ने कहा कि वो बैंकों का पैसा लौटाने के लिए तैयार

लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। हालांकि उसके पास अभी वहां की उच्च कोर्ट में अपील करने का विकल्प खुला है। इससे पहले माल्या ने कहा कि वो बैंकों का पैसा लौटाने के लिए तैयार है।कोर्ट में जाने से ठीक पहले माल्या ने कहा कि उसने सेटलमेंट की पेशकश की थी। मिशेल के सवाल पर माल्या ने कहा कि उसके प्रत्यर्पण का इस केस से कोई लेना-देना नहीं है।

नई दिल्ली: भारतीय बैंकों का पैसा लेकर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के केस में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। लंदन की कोर्ट ने माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी माल्या के पास इस फैसले के खिलाफ 14 दिन के अंदर ऊपरी अदालत में अपील करने का विकल्प है। लंदन कोर्ट का फैसला आने के बाद विजय माल्या ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘जज ने जो कहा है, वो आप सभी ने सुना है, जज ने मुझे बताया कि यह लंबी प्रक्रिया है। जज ने यह भी बताया कि मैं इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता हूं।’ कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए माल्या ने कहा, ‘इसको लेकर कोई हैरानी नहीं है। मेरी लीगल टीम डिस्कस करेगी और आगे की कार्रवाई को लेकर निर्णय लेगी, यह एक लंबी प्रक्रिया है।’

वहीं, केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी मिलने पर खुशी जाहिर की है। जेटली ने ट्वीट किया, ‘आज भारत के लिए गौरव का दिन है। भारत से धोखाधड़ी करने वाला कोई भी सजा से नहीं बचेगा। एक डिफॉल्ट को यूपीए सरकार के दौरान फायदा पहुंचाया गया था। हालांकि एनडीए सरकार उसको वापस ला रही है।’ इसके अलावा सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लंदन कोर्ट की मंजूरी मिलना भारत सरकार की बड़ी जीत है। जनवरी के आखिरी तक विजय माल्या को भारत वापस लाया जा सकता है। कोर्ट ने माल्या को ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। इससे सीबीआई का मनोबल भी बढ़ेगा। इससे जांच एजेंसियां अपने काम को लेकर फ्री महसूस करती हैं। पहले की तरह जांच एजेंसियों के क्रियाकलापों में कोई रोड़ा नहीं है।

अमित शाह बोले- पीएम मोदी को जाता है पूरा श्रेय

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने माल्या के प्रत्यर्पण मामले में मिली कामयाबी का पूरा श्रेय पीएम मोदी को दिया है। उन्होंने कहा कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत की लड़ाई में बड़ी कामयाबी है। इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। उन्होंने भारतीय बैंकों को चुना लगाकर भागने वाले विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए कदम उठाया। भ्रष्टाचार और क्रोनी पूंजीवाद के खिलाफ पीएम मोदी का कड़ा रुख दर्शाता है कि वो देश के उन ईमानदार नागरिकों की मेहनत को अहमियत देते हैं, जो अपने परिवारों की बेहतर जिंदगी सुनिश्चित करने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं।

लंदन कोर्ट में सुनवाई से पहले क्या बोला माल्या?

लंदन में कोर्ट की सुनवाई में जाने से पहले मीडिया से बातचीत में माल्या ने कहा, ‘मैंने किसी का पैसा नहीं चुराया। मैंने बैंकों का पूरा पैसा चुकाने की बात की थी। बकाया चुकाने का प्रत्यर्पण से कोई लेना-देना नहीं है।’ माल्या ने पुरानी बातों को दोहराते हुए कहा कि उसने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट की पेशकश की थी। माल्या ने कहा कि कोर्ट जो भी फैसला देगा, उसे उसकी लीगल टीम देखेगी। उसके बाद ही आगे का कदम उठाया जाएगा। माल्या ने कहा, ‘हमने जमा पैसे कर्मचारियों को देने के लिए कोर्ट में कई आवेदन दिए हैं। अगर कोर्ट हमारे प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार है, तो मैं कर्मचारियों को भुगतान करने का इच्छुक हूं।’

मिशेल के प्रत्यर्पण से कोई लेना-देना नहींः माल्या

कोर्ट के फैसले से पहले माल्या ने कहा कि इसका मिशेल के प्रत्यर्पण से कोई लेना-देना नहीं है। माल्या ने दलील दी कि हर प्रत्यर्पण अलग होता है। किसी एक केस को दूसरे से मिलाना ठीक नहीं है। लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में सुनवाई में शामिल होने के लिए भारत की ओर से CBI के ज्वाइंट डायरेक्टर ए साई मनोहर के नेतृत्व में सीबीआई और ईडी की टीम रविवार को ही लंदन रवाना हो गई थी। किंगफिशर एयरलाइन्स के मालिक रहे 62 वर्षीय विजय माल्या पिछले साल अप्रैल से बेल पर हैं। अभी तक सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा इस सुनवाई में शामिल हो रहे थे, लेकिन विवाद के बाद अस्थाना से सभी अधिकार वापस लेते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है। माल्या पर तकरीबन 9 हजार करोड़ रुपये लेकर भागने का आरोप है।

मिशेल से मेरा मामला बिल्कुल अलगः माल्या

इससे पहले विजय माल्या ने ट्वीट कर कहा था कि वे बैंकों का पूरा पैसा लौटाने के लिए तैयार है, लेकिन उसने कहा था कि वो मूलधन देने को तैयार है। क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद भारत को उम्मीद है कि माल्या को भी उसे सुपुर्द कर दिया जाएगा। मिशेल के प्रत्यर्पण के कुछ ही घंटे के बाद माल्या ने ट्वीट कर कहा था कि उसका मामला बिल्कुल अलग है। प्रत्यर्पण पर उसने मीडिया को दोषी ठहराते हुए कहा था कि उसे जबरन दोषी ठहराया जा रहा है। माल्या ने कहा था, ‘मेरा मामला अलग है और यह अपनी कानूनी कार्रवाई पूरी करेगा। जहां तक बैंकों के पैसों की बात है तो मैंने इसे पूरा 100 प्रतिशत लौटाने की पेशकश की है। मैं पूरी विनम्रता से बैंक और सरकार से कहता हूं कि वे पैसा ले लें, अगर मेरी पेशकश को अस्वीकार कर दिया गया तो क्यों?’

विजय माल्या ने कहा था, ‘नेता और मीडिया लगातार मुझे डिफॉल्टर बताते हुए कह रहे कि मैं बैंकों का पैसा लेकर भाग गया हूं, ये सब गलत है। मेरे कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट के प्रस्ताव की बात क्यों नहीं की जाती।’ माल्या ने कहा था, ‘सभी मेरे साथ अनुचित व्यवहार कर रहे हैं। 30 साल तक किंगफिशर ने भारत में शराब का कारोबार किया। इस दौरान कई राज्यों की मदद भी की, किंगफिशर एयरलाइंस सरकार को भी भरपूर भुगतान कर रही थी। लेकिन इस शानदार एयरलाइंस का दुखद अंत हुआ। फिर भी मैं बैंकों का भुगतान करना चाहता हूं जिससे उन्हें कोई घाटा न हो। माल्या ने कहा कि प्लीज मेरा ये ऑफर स्वीकार करें।’ विमान के ईंधन में हुई बढ़ोत्तरी को किंगफिशर के बर्बाद होने का कारण बताते हुए माल्या ने कहा lE कि किंगफिशर एक शानदार एयरलाइंस थी, जिसने क्रूड ऑयल की 140 डॉलर प्रति बैरल के उच्चुतम कीमत का सामना किया।

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