विजय माल्या पर पहली बार खुलकर बोले PM मोदी
एजेन्सी/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्टैंड अप इंडिया क्रार्यक्रम को लॉन्च किया। इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक विचारधाराएं कुछ भी हो, लेकिन देश के लिए जीने मरने वाले हम सब के लिए प्रेरक होते हैं। हम लोग वो हैं जिन्हें अवसर मिला, दलित वे हैं जिन्हें अवसर नहीं मिला, अगर उन्हें अवसर मिलेगा तो वे भी उत्तम काम कर सकते हैं। वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्टैंडअप इंडिया के शुभारंभ के मौके पर कहा, ‘अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की जा रही यह योजना देश में सामाजिक बदलाव का कारक बनेगी।
स्टैंड अप इंडिया का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने बोले- स्टैंड अप इंडिया से लोग जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि छोटे दुकानदारों के लिए हमने बैंक के दरवाजे खोले। बैंक को अपने इलाके में दलित, आदिवासी, महिला को कर्ज देना होगा।
विजय माल्या पर क्या बोले पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंक का पैसा लेकर लोग भागने के बारे में सोचते हैं, वहीं गरीबों ने धन जन योजना के तहत बैंक अकाउंट खोला तो उसमें पैसा डाला, ये हमारे देश के गरीबों की अमीरी है। मेरे देश के गरीबों की अमीरी देखिए, देश ने अमीरों की गरीबी देख ली है।
स्टैंड अप इंडिया पिछड़े और कमजोरों के लिए सशक्त माध्यम
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्टैंडअप इंडिया स्कीम को पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोगों और महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाला सशक्त माध्यम बताया और कहा कि स्कीम के जरिये इन वर्गों से ढाई लाख उद्यमी तैयार होंगे। इसके जरिए इस वर्ग के लोग खुद का कारोबार शुरू कर सकेंगे। मुद्रा बैंक के जरिए उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
क्या बोले वित्त मंत्री अरुण जेटली?
जेटली ने कहा कि साहूकार से लिए गए ऋण पर 25 से 30 प्रतिशत तक का ब्याज देना होता है। लोगों को अपना कारोबार शुरू करने और साहूकारों के चंगुल से मुक्त करने के उद्देश्य से मुद्रा योजना शुरू की गई।
– पहले साल ही इस योजना से 3.32 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में वित्तीय समावेशन के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
– प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 18 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुल चुके हैं और इसके माध्यम से चल रहीं बीमा योजनाओं से 12 करोड़ से अधिक लोग लाभांवित हुए हैं।
गौरतलब है कि स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत अनुसूचति जाति, जनजाति और महिलाओं को उद्योग लगाने के लिए बैंकों से दस लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का ऋण मिल सकेगा। इसके तहत प्रत्येक बैंक शाखा को कम से कम दो योजनाओं के लिए ऋण उपलब्ध कराना होगा। सिडबी और दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज तथा अन्य प्रमुख संस्थानों के माध्यम से इस योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। सिडबी कार्यालय और नाबार्ड स्टैंडअप कनेक्ट सेंटर (एसयूसीसी) के रूप में काम करेंगे।