वित्तवर्ष 2018-19 में एफपीआई ने की 44,500 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी
नई दिल्ली। पिछले दो महीने में भारी लिवाली होने के बाद भी वित्त वर्ष 2018-19 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने घरेलू वित्त बाजार से 44,500 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में वृद्धि, रुपये में गिरावट, कच्चा तेल में तेजी, चालू खाता घाटा बढऩे और राजकोषीय घाटा के साथ ही अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के कारण विकासशील बाजारों में धारणा प्रभावित हुई। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य वित्त वर्ष के दौरान एफपीआई ने शेयरों से 1,629 करोड़ रुपये और बांड बाजार से 42,951 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की।
इस तरह उनकी कुल निकासी 44,580 करोड़ रुपये रही। वित्त वर्ष 2017-18 में एफपीआई ने शेयरों में 25,634 करोड़ रुपये और बांड बाजार में 1,19,035 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। इस तरह उनका कुल शुद्ध निवेश 1,44,669 करोड़ रुपये रहा था। बजाज कैपिटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और निवेश विश्लेषण के प्रमुख आलोक अग्रवाल ने कहा, विदेशी निवेश के दो लगातार अच्छे साल के बाद घरेलू बाजार में इसमें विपरीत चलन देखने को मिला है। हमें 2016-17 में 48,411 करोड़ रुपये और 2017-18 में 1,44,682 करोड़ रुपये एफपीआई से मिले। वैश्विक और घरेलू कारकों ने 2018-19 में शेयर और बांड दोनों बाजारों से एफपीआई निकासी को उकसाया।