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वित्त मंत्री जेटली ने तलब की सांसद की बेनामी संपत्ति की रिपोर्ट

kd-singh-56547e9c4dfd4_exlstतृणमूल कांग्रेस के सांसद केडी सिंह की कथित बेनामी संपत्ति की जांच रिपोर्ट तैयार कर दी गई है। राजधानी शिमला के निकट कुफरी में जमीन खरीद से संबंधित इस मामले की छानबीन को उपायुक्त शिमला ने पूरा किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली को हिमाचल सरकार यह जांच रिपोर्ट जल्दी भेज देगी।

माकपा के लोकसभा सांसद एम. सलीम ने वित्त मंत्रालय और राज्यसभा सचिवालय को पत्र भेजकर हिमाचल के प्रमुख पर्यटन स्थल कुफरी में तृणमूल कांग्रेस के सांसद की खरीदी जमीन पर जांच की मांग की थी। सूत्रों के मुताबिक एम. सलीम ने अपने पत्र में केडी सिंह पर आरोप लगाए हैं कि उनकी हिमाचल में बेनामी संपत्तियां हैं।

इस शिकायत के मुताबिक केडी सिंह ने कुफरी में दो अलग-अलग बेनामी जमीनें खरीदी हैं। इनमें से एक जमीन आठ बीघा और दूसरी 14 बीघा की है। आरोप हैं कि आठ बीघा भूमि की एक स्थानीय होटल मालिक की पत्नी के नाम से खरीद की गई है और उसी के खाते में केडी सिंह ने चेक से भुगतान भी किया है। दूसरी खरीदी गई भूमि भी इसी क्षेत्र में लगभग 14 बीघा है।

इसका मालिकाना अधिकार भी क्षेत्र के कुछ स्थानीय लोगों का दिया गया है, उनके खातों में भी चेक से भुगतान हुआ है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के कार्यालय से आए पत्र के साथ ही एम. सलीम का शिकायत पत्र नत्थी कर हिमाचल सरकार से इस पर जांच को कहा गया था।

एम. सलीम ने वित्त मंत्रालय और राज्यसभा सचिवालय से इस मामले की मनी लांड्रिंग, बेनामी संपत्ति और हिमाचल सरकार के भू-सुधार अधिनियम की अवहेलना करने के एंगल से छानबीन करने का अनुरोध किया था।

इसके बाद प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग ने यह मामला जिला प्रशासन को छानबीन के लिए भेजा। अब उपायुक्त शिमला ने यह छानबीन पूरी कर ली है। हालांकि, अभी इस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। इसे बंद लिफाफे में एक-दो दिन के भीतर भेज दिया जाएगा।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद केडी सिंह के खिलाफ बेनामी संपत्ति की शिकायत पर जांच रिपोर्ट उपायुक्त शिमला से मांगी गई है। इसे वित्त मंत्री को जल्द भेज दिया जाएगा। 

हिमाचल में सांसद केडी सिंह की कथित बेनामी संपत्ति के दो और मामलों पर पहले ही फैसले हो चुके हैं। उपायुक्त शिमला के कोर्ट ने छानबीन के बाद आदेश जारी किए हैं कि उनसे जुड़ी एक कंपनी अलकेमिस्ट के चेक पर शिमला के छराबड़ा में खरीदी गई जमीन हिमाचल सरकार के नाम होगी।

उपायुक्त शिमला के कोर्ट ने ही उनकी कंपनी की ओर से रामपुर क्योंथल में खरीदी गई जमीन को भी बेनामी करार देते हुए राज्य सरकार के हवाले करने के आदेश किए हैं। कुफरी में उनसे संबंधित कथित बेनामी जमीन का यह तीसरा मामला है।

 

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