विदेश में जन्मे ये लोग जिनका शरीर है विदेशी लेकिन आत्मा है भारतीय
शरीर है विदेशी लेकिन आत्मा है भारतीय
भारत एक विशाल देश हैं, जहाँ अलग-अलग जाति,धर्म-संप्रदाय के 130 करोड़ लोग रहते हैं। ऐसे में इतनी आबादी होने के बावजूद भी भारत में लोग सुख-चैन से रहते हैं। जो दुसरे देशों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं। लेकिन समय के साथ रोजगार की मांग ने कार्य-क्षेत्र में विस्तार किया है और यह विस्तार भारतीयों द्वारा दुनिया के कौने-कौने तक पहुँच चूका है। चाहे जो भी कार्य हो उस कार्य को करने में भारतीय हमेशा सक्षम रहे है फिर चाहे माउन्ट एबरेस्ट हो या अंटार्कटिका भारतियों ने अपना परचम हर जगह लहराया है।
लेकिन भारत की सम्रद्ध व्यवस्था को सिर्फ भारतियों ने ही नहीं बल्कि दुसरे देश के नागरिकों ने भी जाना है। इन लोगों ने भारत में रहने के लिए क्या कुछ नहीं किया । अपने देश का विरोध झेलने के बावजूद भारतीय नागरिकता प्राप्त की। और आज हम बात करने वाले है कुछ ऐसे लोगों के बारे में जो तन से भारतीय ना होकर मन से जरूर भारतीय कहलाते हैं।इनमें से अधिकतर लोग ऐसे हैं जिन्होंने जन्म तो भारत में लिया है लेकिन दुसरे देश में बस गए हैं और इसलिए इन्हें प्रवासी भारतीय कहा जाता है।यह भारतीय नागरिकता पाने के लिए 15000 रूपए एप्लीकेशन शुल्क के रूप में लिया जाता है।