विनोद राय ने पत्रकारों से पूछा, आप लोग क्रिकेट कवर करते हैं या 2G
मुंबई। पूर्व (कंट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया) कैग और बीसीसीआई प्रशासकों की समिति के प्रमुख विनोद राय ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में 17 लोगों को बरी किए जाने के अदालत के फैसले पर बुधवार को कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. राय उस समय भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक थे जब 2जी घोटाले पर रिपोर्ट दाखिल की गई थी.
जब एक रिपोर्टर ने उनसे इस मामले पर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि आप लोग क्रिकेट हैंडल करते हो या 2जी हैंडल करते हो. पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा. और द्रमुक सांसद कनिमोझी समेत 17 लोगों को 21 दिसंबर को एक विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में बरी कर दिया.
गौरतलब है कि दूरसंचार मंत्रालय द्वारा मोबाइल कंपनियों को लाइसेंस जारी किए जाने और 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में यह कथित घोटाला वर्ष 2008 में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में हुआ था. लेकिन वर्ष 2010 में इस मामले ने भारत के नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (सीएजी) विनोद राय की रिपोर्ट आने के बाद तूल पकड़ा.
शिवसेना ने विनोद राय पर साधा था निशाना
शिवसेना ने 2जी मामले में सीबीआई अदालत के फैसले को बीजेपी और इसका राजनीतिक लाभ लेने वालों के गाल पर ‘तमाचा’ बताया था और साथ ही इस मामले को उजागर करने वाले देश के पूर्व कैग विनोद राय पर निशाना साधा था. तथाकथित 2जी घोटाला गढ़ने की राय की मंशा पर सवाल उठाते हुए शिवसेना ने कहा था कि वह सच के अग्रवाहक नहीं हैं और इस पूरे मामले में उनकी भूमिका संदिग्ध है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ के संपादकीय में कहा कि इस आदमी (राय) ने एक राजनीतिक पार्टी की मदद की, जिसके निहित स्वार्थ थे. लेकिन अब वह पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं. यह स्पष्ट है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और उन्हें अवश्य ही इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए.