कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में बृहस्पतिवार को 17 दलों की बैठक के दौरान तीन नामों पर चर्चा हुई। एनसीपी नेता शरद पवार ने मीरा कुमार के अलावा पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और राज्यसभा सांसद बालचंद्र मंगेकर के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसमें मीरा कुमार पर आमराय बन गई।
मीरा कुमार, पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की पुत्री और पूर्व राजनयिक हैं, जबकि शिंदे और मंगेकर महाराष्ट्र के दलित नेता हैं। हालांकि माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने गांधीजी के प्रपौत्र गोपालकृष्ण गांधी और बीआर अंबेडकर के प्रपौत्र प्रकाश अंबेडकर की उम्मीदवारी का प्रस्ताव रखा था।
संसद की लाइब्रेरी में हुई इस बैठक में सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे तथा अहमद पटेल के अलावा एनसीपी नेता शरद पवार और राजद नेता लालू प्रसाद शामिल हुए।
वामदलों की ओर से सीताराम येचुरी और डी राजा, द्रमुक की कनिमोझी तथा नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला बैठक में मौजूद थे। इससे पहले 26 मई को हुई बैठक में मौजूद रहने वाली तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती और सपा नेता नेता अखिलेश यादव खुद नहीं पहुंचे थे, लेकिन उनके प्रतिनिधि थे। तृणमूल की ओर से डेरेक ओ ब्रायन, सपा के रामगोपाल यादव और बसपा के सतीश मिश्र ने बैठक में शिरकत की।
बैठक में जद-एस, आरएसपी, झामुमो, केरल कांग्रेस, आईयूएमएल तथा असम के एआईयूडीएफ जैसे दलों के नेताओं ने भी हिस्सा लिया। राजग के उम्मीदवार को समर्थन देने का मन बना चुका जदयू बैठक में शामिल नहीं हुआ लेकिन रालोद प्रमुख अजित सिंह ने हिस्सा लिया।
राजग और विपक्ष के उम्मीदवारों के दलित बिरादरी से होने के अलावा भी कई हैरान करने वाली समानता हैं। मसलन दोनों ही उम्मीदवारों की उम्र 72 वर्ष हैं और दोनों ही उम्मीदवारों के पास कानून की डिग्री है। दोनों ने ही संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास की है।
कोविंद का जन्म जहां कानपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ है, वहीं मीरा कुमार के राजनीतिक करिअर की शुरुआत यूपी के बिजनौर से शुरू हुई, जहां 1985 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने मायावती और वर्तमान केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को हराया था।