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विपक्ष बोला: ईवीएम में छेड़छाड़ से देश में डर का माहौल

आयोग का चैलेंज- ईवीएम देते हैं छेड़छाड़ करके दिखाओ

नई दिल्ली (एजेंसी)। ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोपों से तंग आ चुके चुनाव आयोग ने विपक्ष को खुली चुनौती दी है। दरअसल, कांग्रेस की अगुआई में देश के 13 विपक्षी दल के नेताओं ने बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले। कांग्रेस ने कहा कि मोदी राज में देश में डर का माहौल बन गया है। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश में डर का माहौल है। लोकतंत्र में कानून प्रबल होना चाहिए। लेकिन, देश में यह स्थिति नहीं है। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में छेड़छाड़, अलवर घटना और सुरक्षा एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल की शिकायत की। चुनाव आयोग (ईसी) ईवीएम के समर्थन में खुलकर सामने आ गया है। ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के राजनीतिक हमलों के बीच एक बार फिर चुनाव आयोग ने दावा किया है कि इस प्रकार के आरोप बेबुनियाद हैं।

ईवीएम से कोई टैंपरिंग संभव नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चैलेंज को ईसी ने स्वीकार करते हुए कहा है कि वह किसी से भी ईवीएम की जांच करा लें। ईसी ने ये फैसला एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद किया। इस बैठक में आयोग ने उन दो सार्वजनिक कंपनियों के अधिकारियों को बुलाया था, जो ईवीएम बनाती हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल की चुनौती को स्वीकार करते हुए चुनाव आयोग जल्द ही ईवीएम मशीन जांच के लिए केजरीवाल को सौंप सकती है। खबरों के मुताबिक चुनाव आयोग का कहना है कि वह इस चैलेंज के लिए जल्द ही तारीख तय करेंगे। ईसी ने कहा कि 2009 में भी हमने खुला चैलेंज दिया था। लेकिन, कोई इसे प्रूव नहीं कर सका। जानकारी के अनुसार, ईसी सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को इस ओपन चैलेंज में बुलाएगा। इसके अलावा कुछ तकनीकी जानकारों को भी इसमें आमंत्रित किया जाएगा।

कांग्रेस के नेतृत्व में मिले 13 विपक्षी दल

13 विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की है। राष्ट्रपति से मिलने वाले इस प्रतिनिधिमंडल में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और डॉ. मनमोहन सिंह शामिल थे। इसके अलावा योतिरादित्य सिंधिया, एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, जय प्रकाश नारायण, सतीश मिश्रा, डी राजा और अहमद पटेल जैसे कांग्रेस के बड़े चेहरे भी शामिल थे।

केजरी बोले थे- दिखा देंगे ईवीएम में कैसे गड़बड़ी होती है

केजरीवाल का आरोप है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई ईवीएम में बड़ी सफाई से छेड़छाड़ हुई है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के भिंड उपचुनाव की जिस ईवीएम में गड़बड़ी मिली है, उसे उत्तर प्रदेश से भेजा गया था। केजरीवाल का चुनाव आयोग पर आरोप है कि इस मामले में कानून का उल्लंघन हुआ है। बगैर 45 दिन पूरा हुए मशीन दूसरे चुनाव में भेज दी गई। केजरीवाल ने आयोग से कहा कि वह ईवीएम उन्हें दे दे, वह दिखा देंगे कि इसमें छेड़छाड़ कैसे की जाती है।

ईसी ने खारिज किए आरोप

ईसी ने इस पर कहा कि नियमों के अनुसार वीवीपीएटी मशीन को 45 दिनों तक स्ट्रांग रूम में रखने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी मशीनों से निकली हुई पर्चियों को लिफाफे में सील कर स्ट्रांग रूम में रखा जाता है। आयोग ने यह भी कहा कि इन मशीनों को दूसरे चुनावों में कभी भी प्रयोग में लाया जा सकता है। ईसी ने यह दावा भी खारिज कर दिया कि यूपी चुनाव में प्रयोग में लाई गई ईवीएम को मध्य प्रदेश के भिंड उपचुनाव के लिए भेजा गया था।

विपक्षियों के आरोप

  1. ईवीएम से छेड़छाड़ के ताजा आरोप देश की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
  2. राय सभा की संवैधानिक स्थिति को बाईपास और कम करने के लिए महत्वपूर्ण बिलों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।
  3. पूरे देश में, राजस्थान, गुजरात और जम्मू-कश्मीर में नागरिकों को परेशान किया जा रहा है।
  4. लोकतंत्र खत्म हो चुका है। गोवा और मणिपुर इसके हालिया उदाहरण हैं।
  5. जम्मू और कश्मीर में सरकार लगातार विफल रही। इतिहास और संस्कृति पर हमला हुआ खास कर नेहरु स्मारक पर।

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