विभाजन के बाद तेलंगाना में विरोध तेज, नायडू आज से अनशन पर
हैदराबाद(एजेंसी )। तेलंगाना राज्य विभाजन को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद आंध्र प्रदेश में विरोध तेज होता जा रहा है। यहां हिंसा और प्रदर्शन लगातार जारी है। वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगनमोहन रेड्डी का बेमियादी अनशन लगातार चौथे दिन भी जारी है। सीमांध्रा के 13 जिलों के बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण इन जिलों में आंशिक या पूर्ण रूप से अंधरे छा गया हैं। कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं और कई विलंब से चल रही हैं। इन सबसे जनजीवन प्रभावित अस्त व्यस्त हो रहा है। जगन रेड्डी हैदराबाद में शनिवार से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं। हिंसा और जाम आंध्र के कई जिलों में हिंसा, आगजनी और प्रदर्शन की खबरें हैं। विजयवाड़ा में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई। विजयनगरम में शनिवार से लगा कर्फ्यू जारी है। इसमें अभी तक ३४ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। यहां के लोगों में इतना आक्रोश है कि वे कर्फ्यू के बावजूद सड़कों पर उतरे। यहां लोगों की और भी गिरफ्तारियां हो रही है।प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की। जिसमें कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। राज्य यहां के बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार ने कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के घरों की सुरक्षा कड़ी कर दी है। इन नेताओं मे राज्य के प्रमुख बोत्सा सत्यनारायण का निवास भी शामिल है। प्रदशर्नकारियों ने कई जगहें ट्रेनें रोकीं, जो उत्तर भारत की ओर जा रही थीं। इन ट्रेनों में तमाम उत्तर भारतीय फंसे हुए हैं।
– बिजलीकर्मी हड़ताल पर – आंध्र प्रदेश के बंटवारे के विरोध में सीमांध्रा में बिजली कर्मचारी यूनियन के नेतृत्व में चलीस हजार से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिससे रायलसीमा सहित कोस्टल आंध्र के कई जिले अंधेरे में डूब गए हैं। इससे बिजली संकट गहराने की आशंका जाहिर की जा रही है। इस इलाके के सात में छह पॉवर प्लांट बंद हैं, इसने दक्षिणी ग्रिड के ठप होने का खतरा भी पैदा कर दिया। हैदराबाद में तो सुबह से बिजली नहीं है।
वहीं टीडीपी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार से दिल्ली में अनशन पर बैठने की घोषणा कर दी है। उन्होंनेने भी राज्य के बंटवारे को भेदभावपूर्ण बताया है। उनका आरोप है कि राज्य का विभाजन करके कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है।
उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश से पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के लिए 3 अक्टूबर को कैबिनेट ने मंत्रियों के एक समूह के गठन को मंजूरी दे दी थी। आंध्र प्रदेश के वर्तमान 23 जिलों में से 10 जिले तेलंगाना का हिस्सा होंगे। आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद 10 सालों तक तेलंगाना और सीमांध्र की संयुक्त राजधानी होगी।