टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के लिए मौजूदा इंग्लैंड दौरा काफी अहम माना जा रहा है। कोहली का 2014 में इंग्लैंड दौरे पर प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था, जिसे लेकर कई विशेषज्ञ इस बार भी उनके बारे में कयास लगा रहे हैं। कई एक्सपर्ट्स ने बताया कि पिछली बार कोहली ने क्या गलती की थी और इस समय वह क्या कर रहे हैं। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज किस प्रकार कोहली को जल्दी आउट करने की योजना बना रहे हैं।
हालांकि, कोहली इन सभी से परेशान नहीं हैं। वह सीरीज में सकारात्मक मानसिकता के साथ जाना चाहते हैं। टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की सीरीज का पहला मैच बुधवार से एजबेस्टन में शुरू होगा। मैच शुरू होने की पूर्व संध्या पर भारतीय कप्तान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अपनी मानसिकता जगह पर रखना पसंद करेंगे न कि अपने आप को साबित करने के इरादे से बल्लेबाजी करेंगे।
कोहली ने कहा, ‘यह विश्वास पर आकर टिकता है। भारत में सपाट पिच पर आप विश्वास नहीं करेंगे और आउट हो जाएंगे। मुझे अपने क्षमताओं पर विश्वास है। टीम इंडिया के कप्तान ने कहा, ‘आप ध्यान उस पर रखते हैं जिसकी आपको जरूरत होती है। आपको अपनी क्षमता पर पूरा विश्वास होना चाहिए। हमें हर समय कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है। यह सब विश्वास पर आकर टिकता है। अगर आपमें विश्वास है तो हरी पिच पर भी शतक जमा सकते हैं।’
टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अंडरडॉग माना जा रहा है। कोहली ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा, ‘आपको अंडरडॉग या पसंदीदा होने से ज्यादा पेशेवर होकर खेलने की जरूरत है। पहले जब यह मुझे पता चलती थी तो परेशानी होती थी। मैं अब कुछ पढ़ता नहीं हूं।’
भारतीय कप्तान ने आगे कहा, ‘मुझे नहीं पता कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले दो टेस्ट के बाद क्या हुआ। जब मैं बल्लेबाजी करने गया तो मेरे हाथ में बल्ला था। मुझे ध्यान केंद्रित करना था कि मुझे क्या करने की जरूरत है। मैं यह नहीं सोच रहा था कि 10 साल पहले यहां खड़े होकर खेल रहा था। किसी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है।’