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विविधता की विशेषता पर हर भारतीय को गर्व : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री ने विज्ञान भवन में इस्लामिक विरासत पर चर्चा के दौरान कहा कि दुनिया भर के मज़हब और मत भारत की मिट्टी में पनपे हैं। यहां की आबोहवा में उन्होंने जिदंगी पाई, सांस ली। चाहे वह 2500 साल पहले भगवान बुद्ध हों या पिछली शताब्दी में महात्मा गांधी। अमन और मोहब्बत की सुगंध भारत के चमन से सारी दुनिया में फैली है। इस दौरान जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन भी वहां मौजूद रहे। मोदी ने शाद की तरफ मुख्तियार होते हुए कहा कि आपका वतन और हमारा दोस्त देश जॉर्डन इतिहास की किताबों और धर्म के ग्रंथों में एक अमिट नाम है। जॉर्डन एक ऐसी पवित्र भूमि पर आबाद है जहां से ख़ुदा का पैग़ाम पैगम्बरों और संतों की आवाज़ बनकर दुनिया भर में गूंजा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर भारतीय को गर्व है अपनी विविधता की विशेषता पर। चाहे वह कोई ज़ुबान बोलता हो, चाहे वह मंदिर में दिया जलाता हो या मस्जिद में सज़दा करता हो, चाहे वह चर्च में प्रार्थना करे या गुरुद्वारे में शब्द गाए। यहां से भारत के प्राचीन दर्शन और सूफियों के प्रेम और मानवतावाद की मिलीजुली परम्परा ने मानवमात्र की मूलभूत एकता का संदेष दिया है। मानवमात्र के एकात्म की इस भावना ने भारत को वसुधैव कुटुम्बकम् का दर्शन दिया है। भारत ने सारी दुनिया को एक परिवार मानकर उसके साथ अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि मज़हब का मर्म अमानवीय हो ही नहीं सकता। हर पन्थ, हर संप्रदाय, हर परम्परा मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए ही है। इसलिएए आज सबसे ज्यादा ज़रूरत ये है कि हमारे युवा एक तरफ मानवीय इस्लाम से जुड़े हों और दूसरी तरफ आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का इस्तेमाल भी कर सकें।

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