विवेकानंद के गुरु के सपने में आई मां काली, दिया था साक्षात दर्शन का वर
स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस स्वयं में एक महान व्यक्तित्व थे। उन्हें बचपन से ही देवी भक्ति की लौ लग गई थी। वह दिन भर मां काली के ध्यान में डूबे रहते और मां के दर्शन कर उसी में खोए रहते।
उन्होंने अपने जीवन में मां काली की उपासना करके सिद्धि प्राप्त की थी। वह मां काली से उसी प्रकार बातचीत करते थे जैसे कि एक बालक अपनी मां से करता है। रामकृष्ण परमहंस के लिए मां से एक क्षण का भी वियोग असह्य हो उठता था।
कहा जाता है कि रामकृष्ण को मां काली जागृत अवस्था में ही नहीं, वरन स्वप्न में भी दर्शन देती थी। एक बार रामकृष्ण ने मां काली से प्रार्थना की वह उन्हें पूर्ण दर्शन दें। इस पर माता ने उन्हें स्वप्न में दर्शन देकर कहा कि पूर्ण दर्शन केवल सदगुरु की शरण में जाकर ही हो सकता है।
दैवयोग से ऐसे ही एक क्रम में एक ब्राह्मणी भैरवी उनके पास आई। उन्होंने रामकृष्ण को तंत्र दीक्षा देकर उन्हें तंत्र विद्या की ऊंचाईयों से परिचित करवाया। इसके बाद उन्हें तोतापुरी महाराज मिले जिन्होंने रामकृष्ण को शिष्य बनाकर उन्हें पूर्ण रूप से परमहंस बना दिया।