विवेक तिवारी की पत्नी को मिला नगर निगम में ओएसडी पद, बोली- सरकार निभा रही वायदे
लखनऊ। लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में जांच जारी है। उधर दूसरी तरफ विवेक तिवारी की पत्नी को गुरुवार को नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा दिया गया। विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी को न्यू हैदराबाद स्थित आवास पर नगर निगम में ओएसडी पद का नियुक्ति पत्र सौंपा गया। इस मौके पर कल्पना ने कहा कि विवेक तिवारी हत्याकांड की यूपी पुलिस की तरफ से निष्पक्ष जांच हो रही है। सरकार ने जो वायदे किए थे, उसे निभा रही है। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री आशुतोष टण्डन, महापौर संयुक्ता भाटिया, विधायक डा. नीरज बोरा, डीएम, नगर आयुक्त की मौजूदी में कल्पना तिवारी ने नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर किए। ओएसडी पद की पे स्केल 56100 से 1,77,500 है। लखनऊ के गोमती नगर में देररात विवेक तिवारी की सिपाही प्रशांत चौधरी ने हत्या कर दी थी। इसके बाद से यूपी सरकार लगातार कल्पना का समर्थन कर रही है। मुआवजे के साथ ही सरकार ने कल्पना तिवारी को नगर निगम में ओएसडी बनाए जाने का आश्वासन दिया था। विवेक तिवारी हत्याकांड की अभी भी जांच की जा रही है। आरोपी सिपाहियों को बर्खास्त कर जेल भेजा जा चुका है। कल्पना तिवारी ने सरकार से मिल रही मदद पर संतुष्टि जाहिर की थी। उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या सहित कई मंत्री और विधायक हादसे के बाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे और उन्हें मदद का भरोसा दिलाया था। कल्पना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी। प्रदेश सरकार ने विवेक तिवारी की बेटियों की शिक्षा व भविष्य के लिए पांच-पांच लाख रुपये की भी मदद की थी। मामले में पिछले दिनों सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि याची का इस मामले से कोई वास्ता नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है। विवेक तिवारी की हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर शमशेर यादव जगराना ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि एसआईटी जांच में भी यूपी पुलिस के ही सदस्य शामिल हैं, ऐसे में जांच को प्रभावित किया जा सकता है। इसलिए मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए। इस पर अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया। उन्होंने तर्क रखा कि सरकार ने मामले में त्वरित कार्रवाई की है। निष्पक्ष जांच चल रही है, इसलिए इसकी सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस विवेक चौधरी ने कहा कि मृतक की पत्नी कल्पना तिवारी शिक्षित हैं। वह स्वयं अपना पक्ष रख सकती हैं। याची का इस मामले से कोई वास्ता नहीं बनता है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है। विवेक तिवारी हत्याकांड में अब तक दो एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इसमें पहली एफआईआर मामले की एकमात्र चश्मदीद सना की तरफ से दर्ज हुई थी। उस एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया गया था, आरोपी को अज्ञात बताया गया था। इसके बाद विवेक तिवारी की पत्नी की तरफ से दूसरी एफआईआर दर्ज की गई। जिसमें दोनों सिपाहियों को नामजद किया गया। वहीं मामले में गिरफ्तार होने से पहले गोमतीनगर थाने में प्रशांत चौधरी और उसकी पत्नी आरोप लगा रहे थे कि उनकी शिकायत को पुलिस दर्ज नहीं कर रही है।