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विश्वकप 2019 की तैयारी के लिए टीम इंडिया अपना रही है ये रणनीति

चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से मात खाने के बाद भारतीय टीम साल 2019 में इंग्लैंड में आयोजित होने वाले वनडे विश्वकप को लेकर गंभीर हो गई है। इसी को लेकर टीम इंडिया में कई तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। रविवार को श्रीलंका के खिलाफ 20 अगस्त से शुरू हो रही पांच मैंचों की सीरीज के लिए हुए टीम चयन में भी इसकी झलक दिखाई दी।  

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विश्वकप 2019 की तैयारी के लिए टीम इंडिया अपना रही है ये रणनीतिमुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने सोमवार को कहा- 2019 में होने वाले विश्व कप के लिये भारतीय टीम का स्वरूप अगले पांच महीने में साफ होगा। श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला के लिये तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उमेश यादव के अलावा रविचंद्रन अश्विन और रविन्द्र जडेजा को भी आराम दिया गया है। प्रसाद ने कहा कि इन खिलाड़ियों को रोटेशन नीति के तहत विश्राम दिया गया है। उन्होंने कहा, “हमने कुछ खिलाड़ियों की पहचान की है जिन्हें अगले चार-पांच महीनों में रोटेशन नीति के अंतर्गत मौका दिया जायेगा।”

टेस्ट श्रृंखला में श्रीलंका का 3-0 से सूपड़ा साफ करने के बाद यहां प्रसाद ने कहा, ” हम अपने मुख्य खिलाड़ियों के लिये रोटेशन और आराम देने की नीति पर काम कर रहे हैं ताकि अगले कुछ माह में युवाओं के प्रदर्शन का आकलन कर सके और इस साल के अंत तक टीम का स्वरूप तय कर सकें।

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प्रसाद ने कहा, “श्रीलंका के साथ एकदिवसीय श्रृंखला में हम सलामी बल्लेबाज केएल राहुल को चौथे क्रम पर बल्लेबाजी कराएंगे। वह ऐसे खिलाड़ी हैं जिसे बाहर बैठाना मुश्किल है। इस साल के अंत तक हम खिलाड़ियों के अलग-अलग संयोजनों को आजमाएंगे।” उन्होंने कहा कि इस चयन नीति में खिलाड़ियों की फिटनेस का आकलन सबसे अहम है। 

प्रसाद ने कहा,  “चैंपियंस ट्रॉफी में खिलाड़ियों की फिटनेस स्तर को देखने के बाद हमने तय किया कि हमें फिट और मजबूत टीम की जरूरत है। फिटनेस के लिये हम एक तय मापदंड बना रहे जिसका सभी खिलाड़ियों को पालन करना पड़ेग। खिलाड़ियों के कौशल के मामले में हम दुनिया की नंबर एक टीम हैं लेकिन फिटनेस पर काम करने की जरूत है।” 

उन्होंने कहा कि विश्व कप की टीम में जगह बनाने की दौड़ में पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के साथ युवराज सिंह और सुरेश रैना भी बने हुये हैं। ऋषभ पंत को टीम में जगह नहीं मिलने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा , “हम सब जानते हैं कि वह टी-20 प्रारुप के बेहतर खिलाड़ी है, उन्हें उस प्रारुप में भी अजमाएंगे। हार्दिक पांड्या ने भी टी-20 से पहचान बना कर टेस्ट टीम का सफर तय किया। जो खिलाड़ी जिस प्रारुप में ज्यादा बेहतर है उसे उसमें ज्यादा मौका मिलेगा ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके।”

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