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विश्व के 25 देशों की छात्र टीमों ने दिखाई अपने-अपने देशों के लोकनृत्यों की अनुपम छटा

सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) में ‘इण्टरनेशनल डान्स कम्पटीशन’ का भव्य आयोजन

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के आमन्त्रण पर लखनऊ पधारे 25 देशों की छात्र टीमों ने आज सायं सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में आयोजित ‘इण्टरनेशनल डान्स कम्पटीशन’ में अपने-अपने देशों के लोकनृत्यों की मनोहारी छटा प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री संजय अग्रवाल, आई.ए.एस., अतिरिक्त मुख्य सचिव, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा, उ.प्र. ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि विविधता में एकता की भावना ही हमारी संस्कृति का मूलमंत्र है और अन्तर्राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता के इस मंच पर यही बात परिलक्षित हो रही है, जहाँ विश्व के विभिन्न देशों की संस्कृति व सभ्यता का संगम उपस्थित है। इस आयोजन हेतु सी.एम.एस. की प्रशंसा करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि विभिन्न देशों के बच्चों को एक मंच पर एकत्रित कर सी.एम.एस. सराहनीय कार्य कर रहा है और निश्चित रूप से यह प्रयास दुनिया में एकता व शान्ति के विचारों को प्रवाहित करेगा।

‘इण्टरनेशनल डान्स कम्पटीशन’ में शामिल 25 देशों आस्ट्रेलिया, बुल्गारिया, कनाडा, साइप्रस, हांगकांग, इण्डोनेशिया, ईरान, कजाकिस्तान, कोरिया, लाओस, मलेशिया, मंगोलिया, मैक्सिको, नेपाल, फिलीपीन्स, रोमानिया, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, ताईवान, तजाकिस्तान, थाईलैण्ड, उजबेकिस्तान, वियतनाम एवं जिम्बाब्वे से पधारी छात्र टीमों ने न सिर्फ अपनी कलात्मक प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया एवं अपने देश की संस्कृति व सभ्यता से भी दर्शकों को रूबरू कराया। रंग-बिरंगी वेष-भूषा में सजे-धजे इन छात्रों के कलात्मक प्रदर्शन से दर्शक अभिभूत हो गये और सभी ने तालियां बजाकर छात्रों का खूब उत्साहवर्धन किया।

सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की प्रधानाचार्या स्वपना मंशारमानी ने विभिन्न देशों से पधारे छात्रों व उनके टीम लीडरों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्रों के मनोबल व आत्मविश्वास को बढ़ाने में विशेष सहायक हैं एवं चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार करने का हौसला देते हैं। श्रीमती मंशारमानी ने कहा कि नृत्य संगीत के इस शानदार कार्यक्रम के माध्यम से एकता, शान्ति व सौहार्द की जो लौ प्रवाहित हुई, वह सारे विश्व को आलोकित करेगी। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर पर कहा कि संगीत को आत्मा के भोजन की संज्ञा दी गई है, यह आत्मिक शक्तियों को बढ़ाता है एवं छात्रों को समाज का सभ्य व सुसंस्कृत नागरिक बनाने में मदद करता है। सी.एम.एस. गीत-संगीत की शिक्षा के माध्यम से छात्रों में भक्ति, सरसता, करूणा एवं शान्ति को भावना संचारित करने में सतत् प्रयत्नशील है।

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