वाराणसी। चौबेपुर के उमरहा गांव में स्ववेर्द महामंदिर के 91वें स्थापना दिवस पर 21 हजार दंपत्तियों ने विश्व शांति महायज्ञ किया। इसमें अमेरिका, इटली, फ्रांस, जर्मनी और भारत के अलग-अलग हिस्सों से आए लोगों ने हिस्सा लिया। इस 5101 कुंडीय वैदिक महायज्ञ का मकसद लोगों के बीच स्वच्छ वातावरण को बनाना रहा है। इस दौरान सद्गुरु स्वतंत्रदेव और गुरु विज्ञान देव भक्तों को आशीर्वचन देने के लिए खुद मौजूद रहे। गुरुओं का कहना है कि विश्व भर में फैले अक्रांत से सभी देश परेशान हैं। वेद की ऋचाओं और यज्ञ कर्म में मनीषियों को सिद्धियां प्राप्त थीं। इसकी बदौलत वह श्रृष्टि को विनाश से बचाते थे। एक बार फिर महामंदिर के इस अनुष्ठान के जरिए विश्व को बचाने का आह्वान किया गया है। गुरुओं का यह भी कहना था कि दुनिया भर में चंद लोगों की वजह से भय का माहौल बना है। वातावरण कल कारखानों की वजह से दूषित हो गया है। प्राचीन काल में ऋषि, मनीषी वैदिक विधि विधान से भगवान से शांति का आह्वान करते थे। योगसाधना के जरिए मन को शांत करते थे। आज शांति के लिए मनुष्य के पास समय नहीं है। इसलिए सामूहिक तौर पर हजारों भक्तों के द्वारा योग साधना के बाद 5101 कुंडीय हवन यज्ञ का आयोजन विश्व शांति के लिए किया गया है।