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विस चुनावः कांग्रेस तय न कर सकी 3 सीटों के उम्मीदवार, सिद्धू बने वजह
कांग्रेस विधानसभा चुनाव के लिए 3 सीटों के उम्मीदवार अभी तक तय नहीं कर पाई है। इसके पीछे नवजोत सिद्धू को वजह बताया जा रहा है। कांग्रेस में शामिल हुए जिन अकाली नेताओं को टिकट देने का एक धड़े ने विरोध किया था, उनकी उम्मीदवारी पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है।
हालांकि तमाम विरोध के बावजूद कैप्टन अमरिंदर सिंह उन अकाली नेताओं को टिकट दिलाने में कामयाब हो गए, जहां पर कांग्रेस का कोई मजबूत कैंडिडेट नहीं है। कैप्टन ने जब इंदरबीर सिंह बोलारिया, सरवन सिंह फिल्लौर समेत कई अकालियों को शामिल किया था तो एक गुट ने जबरदस्त विरोध किया था। जिसमें अंबिका सोनी, प्रताप बाजवा, शमशेर सिंह दूलो, चौधरी संतोख शामिल थे।
इन्होंने कैप्टन पर कांग्रेस के अकालीकरण का आरोप लगाया था। साथ ही सवाल उठाया था कि जिन अकालियों ने कांग्रेसियों पर परचे दर्ज कराए, उन्हें कैसे टिकट दी जा सकती है। यह आरोप परगट सिंह पर भी था, लेकिन उन्हें शामिल करने का फैसला हाईकमान का था।
यह बात अलग है कि इन हलकों में कांग्रेस के पास मजबूत उम्मीदवार नहीं थे। लेकिन जिन अकालियों का जबरदस्त विरोध हुआ था, उनकी टिकट पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। इंदरबीर बोलारिया, सरवन सिंह फिल्लौर, परगट सिंह का टिकट घोषित नहीं हुआ।
सरवन फिल्लौर के दोनों हलकों करतारपुर और फिल्लौर में कांग्रेस ने कैंडिडेट उतार दिए हैं। पर सूत्रों का कहना है कि फिल्लौर को जालंधर वेस्ट से भी टिकट दी जा सकती है। जहां से सुशील रिंकू और सुरिंदर महे दावेदार हैं।
सूत्र बताते हैं कि पार्टी बंगा से आजाद लड़ने जा रहे तरलोचन सूंध को भी जालंधर वेस्ट से लड़ने को मना रही है।
जालंधर कैंट से दावेदार जगबीर बराड़ को कैप्टन नकोदर भेजना चाहते हैं, इसलिए वह भी रुक गई। शाहकोट में हरदेव लाडी व राजनबीर सिंह के बीच पेंच फंसा है। लुधियाना ईस्ट पर मनीष तिवारी के चलते फैसला नहीं हो सका। साहनेवाल में गायिका सतविंदर बिट्टी और बिक्त्रस्म बाजवा के बीच मुकाबला है।