वीआईपी और जजों के लिए टोल प्लाजा पर हो अलग लेन : मद्रास हाईकोर्ट
चेन्नई : नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को एक सख्त संदेश देते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा है कि उसे अपने सभी टोल प्लाजा पर वीआईपी और मौजूदा जजों के लिए एक अलग से एक्सक्लूसिव लेन बनाए, नहीं तो उसे कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही के लिए तैयार रहना चाहिए। इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस हुलुवाडी जी रमेश और जस्टिस एमवी मुरलीधरन की डिवीजन बेंच ने कहा, ये वीआईपी और जजों के लिए बहुत शर्म की बात है कि वे टोल प्लाजा पर वेट करें और अपने आइडेंटिटी कार्ड दिखाएं।
कोर्ट ने इस मामले में एनएचएआई को उसके सभी टोल प्लाजा लागू करने का आदेश देते हुए कहा है कि अगर इसे गंभीरता से नहीं लिया जाएगा तो कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। हाईकोर्ट बेंच ने केंद्र और एनएचएआई से कहा कि वे इस मामले में सर्कुलर जारी करें। जज ने कहा, एक सर्कुलर प्रत्येक टोल कलेक्टर के लिए जारी किया जा सकता है, जिसमें उन्हें इस तरह की वीआईपी लेन तैयार करने के लिए कहा जाए। कोर्ट ने कहा कि यह टोल कलेक्टर की जिम्मेदारी होगी कि वह उस लेन से वीआईपी और जज के अलावा किसी और को गुजरने न दें और जो भी इस नियम का उल्लंघन करे, टोल कलेक्टर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। कोर्ट ने कहा, अलग लेन न होने से हर टोल प्लाजा पर सिटिंग जज और वीआईपी लोगों को ‘अनावश्यक शर्मिंदगी’ का सामना करना पड़ता है।’ कोर्ट ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि टोल प्लाजा पर सिटिंग जज को 10 से 15 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है। इस बात को न तो केंद्र सरकार और न ही एनएचएआई गंभीरता से ले रही है। लार्सन ऐंड टूब्रो कृष्णागिरी वलाजपेट टॉलवे लिमिटेड सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बेंच ने यह निर्देश जारी किया।