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वीरभद्र ने पीएम मोदी के सामने रखी ये मांगें

virbhadra-singh-56607c885f622_exlमुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर उनसे आग्रह किया कि वे छोटी-बड़ी सभी जलविद्युत परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी देने की शक्तियां राज्य सरकार को प्रदान करें।

उन्होंने प्रदेश के लोगों के हित में वन भूमि को गैर वानिकी विकासात्मक उद्देश्य से प्रयोग लाने संबंधी शक्तियों को 10 हेक्टेयर तक बढ़ाने का आग्रह किया। वीरभद्र सिंह ने प्रदेश के ताजा राजनीतिक मसलों को भी प्रधानमंत्री के सामने रखा। उन्होंने हिमाचल को उत्तर-पूर्वी राज्यों की तर्ज पर विशेष श्रेणी राज्य के लाभ देने के लिए आभार जताया।

वीरवार दोपहर एक बजे पीएम से मुलाकात के दौरान वीरभद्र सिंह ने मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग-154 को फोरलेन करने का मामला मजबूती के साथ उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया गया कि यह मार्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

लेह और देश के अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैन्य जवानों को रक्षा आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के महत्वपूर्ण मार्गों में से एक हैं। उन्होंने आग्रह किया कि अगर वे इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे तो सड़क, परिवहन और उच्च मार्ग मंत्रालय इस सड़क का निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर करेगा।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के तहत ऊना जिले की स्वां नदी और छौंछ खड्ड के लिए क्रमश: 224.35 करोड़ और 11.10 करोड़ रुपये की राशि प्राथमिकता के आधार पर जारी करने का भी आग्रह किया।

व्यावसायिक हवाई उड़ानों की बहाली मांगी- प्रदेश में पर्यटन संभावनाओं और बेहतर आवागमन सुविधा के महत्व पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने लगभग तीन वर्ष पहले शिमला हवाई अड्डे के लिए व्यावसायिक उड़ानों को अकस्मात बंद कर दिया था।

व्यावसायिक उड़ानों की बहाली को तय करने के लिए निर्देश जारी करने की जरूरत है ताकि पहाड़ों की रानी शिमला भ्रमण करने वाले इच्छुक पर्यटकों को आवागमन की बेहतर सुविधा प्राप्त हो सके।

मनरेगा का बजट जारी करने का अनुरोध किया- वीरभद्र सिंह ने मनरेगा के तहत धनराशि जारी करने का मामला भी उठाया। उन्होंने अवगत करवाया कि इस वर्ष सितंबर महीने से राज्य सरकार को किसी प्रकार का अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है। संबंधित विभाग के पास लगभग 90 करोड़ रुपये मजदूरी की देनदारियां लंबित हैं।

इससे गरीब लोगों को असुविधा हो रही है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश विधानसभा के नजदीक भारत सरकार की जमीन को नए राज्य पुस्तकालय के निर्माण के लिए सरकार को हस्तांतरित करने का मामला भी प्रधानमंत्री से उठाया। इस बारे में पहले ही संबंधित मंत्रालय से अनुरोध किया गया है।

 
 

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