यदि आपका ट्रेन टिकट कंफर्म नहीं हुआ है और आप वेटिंग टिकट लेकर रिजर्व डिब्बे में यात्रा कर रहे हैं तो ठहर जाइए। रेलवे ने इस तरह के टिकटों को यात्रा के लिए वैध दस्तावेज की सूची से हटा दिया है। अब यदि ऐसे टिकटों के साथ कोई यात्री ट्रेन के रिजर्व कोच में यात्रा करता है उसे बेटिकट मानते हुए उस पर इसी हिसाब से जुर्माना होगा।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ आधिकारिक सूत्र ने बताया कि किसी भी ट्रेन के वेटिंग टिकट को यात्रा करने के लिए वैध दस्तावेज की सूची से हटा दिया गया है। हालांकि, रेलवे ने वेटिंग टिकट कटाने वालों को एक सहूलियत दी है कि यात्री यदि चाहे तो अनरिजवर्ड कोच मतलब जनरल डिब्बे में वे इस टिकट पर यात्रा कर सकते हैं। इसमें यह नहीं देखा जाएगा कि टिकट स्लीपर क्लास का है या एसी वन, एसी टू या फर्स्ट एसी का।
उल्लेखनीय है अभी तक सिर्फ राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में वेटिंग टिकट पर यात्रा की अनुमति नहीं थी। लेकिन अन्य मेल-एक्सप्रेस और पैसेंजर गाड़ियों में वेटिंग टिकट वाले उसी तरह यात्रा करते थे जैसे कि कंफर्म टिकट वाले। लेकिन इस तरह की शिकायत मिलीं कि वेटिंग टिकट वाले कुछ यात्री रेलगाड़ी में यात्रा भी कर लेते थे और इस पर रिफंड भी ले लेते थे। ऐसे में रेलवे को दोहरा नुकसान होता था।
अब तो रेलगाड़ी के रवाना होने से आधा घंटा पहले ही इसे अवैध करार दिया गया है। इसलिए इस पर न तो रिफंड मिलेगा और न ही यात्रा हो सकेगी। हालांकि, रेलवे ने वेटिंग टिकट कटाने वालों को एक सहूलियत दी है कि यात्री यदि चाहे तो अनरिजवर्ड कोच मतलब जनरल डिब्बे में वे इस टिकट पर यात्रा कर सकते हैं। इसमें यह नहीं देखा जाएगा कि टिकट स्लीपर क्लास का है या एसी वन, एसी टू या फर्स्ट एसी का।
अधिकारी का कहना है कि पिछले महीने वेटिंग लिस्ट वाले टिकटों के बारे में नियम में संशोधन हुआ था, उसी दौरान यह भी तय हुआ था। तभी से वेटिंग टिकट यात्रा के लिए वैध दस्तावेज नहीं है, लेकिन इस बारे में रेलवे के फील्ड अधिकारियों के बीच भ्रम होने की वजह से इसे अभी तक लागू नहीं किया जा सका। अब इस बारे में स्पष्टीकरण जारी किया जा रहा है ताकि कहीं भ्रम की स्थिति नहीं रहे।