स्वास्थ्य

वैज्ञानिकों ने चेताया, ज्यादा सोने देर तक सोने वालों को दिमागी बीमारी का होता है खतरा

क्या आपको भी ज्यादा देर तक सोने की आदत है? अगर हां, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए और अपनी नींद का समय थोड़ा कम कर देना चाहिए। हाल में वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च के बाद इस बात का पता लगाया है कि जो लोग देर तक सोते हैं, उन्हें मस्तिष्क की एक गंभीर बीमारी का खतरा बहुत ज्यादा होता है, जिसे डिमेंशिया कहते हैं। डिमेंशिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिमाग से जुड़ी कई छोटी-छोटी बीमारियां होने का खतरा होता है। आमतौर पर डिमेंशिया होने पर व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है और उसके काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।

याददाश्त खोने वाली बीमारी का खतरा
डिमेंशिया एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसका कोई इलाज मौजूद नहीं है। इस लाइलाज बीमारी से बचाव का केवल एक ही रास्ता है कि सही समय पर जरूरी सावधानी बरती जाए और बीमारी का खतरा बढ़ाने वाली आदतों से दूर रहा जाए। डिमेंशिया को लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी माना जाता है। यानी गलत जीवनशैली अपनाने वाले लोगों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। आमतौर पर इस बीमारी का शिकार 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग होते हैं। मगर वैज्ञानिकों की रिसर्च में पता चला है कि अगर आप ज्यादा देर तक सोते हैं, तो आपको कम उम्र में भी ये बीमारी हो सकती है।

9 घंटे से ज्यादा और 6 घंटे से कम सोना खतरनाक
ये रिसर्च 5247 ऐसे लोगों पर की गई, जिनकी उम्र 45 साल से 75 साल के बीच थी। रिसर्च की रिपोर्ट बताती है कि उन लोगों को मस्तिष्क से संबंधित बीमारी, डिमेंशिया का खतरा ज्यादा होता है, जो लोग रोजाना 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं। इसके अलावा 6 घंटे से कम सोने वालों में भी इस बीमारी का खतरा बढ़ता है। युवाओं के लिए सोने का आदर्श समय 7-8 घंटे का है। किसी भी उम्र के युवाओं को रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए और 9 घंटे से ज्यादा नहीं सोना चाहिए। कभी-कभार की बात अलग है।

क्यों है ज्यादा सोना खतरनाक?
ज्यादा सोने के कारण डिमेंशिया का खतरा क्यों बढ़ता है, इस बारे में अभी बहुत ज्यादा रिसर्च नहीं की जा सकी है। मगर वैज्ञानिक मानते हैं कि ज्यादा सोने से कई तरह के हार्मोन्स के स्राव में असंतुलन पैदा होता है, जो मानसिक रोगों का कारण बनता है। नैशनल स्लीप फाउंडेशन, अमेरिका के अनुसार जो लोग गहरी नींद नहीं लेते हैं या शरीर की जरूरत से कम सोते हैं, उन्हें कॉग्नीटिव (दिमाग संबंधी) समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आपको लंबे समय से नींद खराब आने की समस्या है, तो आपको डॉक्टर से मिलकर इसका कारण पूछना चाहिए क्योंकि लंबे समय में ये समस्या आपके दिमाग के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है।

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