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वैदिक शिक्षा के लिए मिली मंजूरी, शुरू होगा BSB बोेर्ड

महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान (MSRVVP) की गवर्निंग काउंसिल ने बुधवार को वैदिक शिक्षा के लिए देश का पहला स्कूल बोर्ड स्थापित करने के लिए योग गुरु रामदेव के पतंजलि योगपीठ को आधिकारिक रूप से चुना है. यानी भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.  

वहीं इंडियन एक्सप्रैस की रिपोर्ट के अनुसार पहले ही इस बात की जानकारी दे दी गई थी कि भारतीय शिक्षा बोर्ड (BSB)  के चेयरपर्सन योग गुरु बाबा रामदेव होंगे. इस वैदिक यूनिवर्सिटी का संचालन रामदेव की कंपनी पतंजलि की ओर से किया जाएगा. वहीं पतंजलि योगपीठ के चयन के साथ, BSB सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होने वाला पहला निजी स्कूल बोर्ड होगा. वहीं किसी भी स्कूल में बोर्ड की तरह, BSB सिलेबस का मसौदा तैयार करेगा, वहीं परीक्षा आयोजित की जाएगी और एफिलिएटिड स्कूलों को प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे.

हालांकि, केंद्रीय मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता वाली MSRVVP गवर्निंग काउंसिल ने यह भी निर्णय लिया कि पतंजलि की ओर से संचालित BSB वैदिक शिक्षा को आधुनिक शिक्षा के लिए  एफिलिएटिड स्कूलों पेश करेगा. 11 फरवरी को MSRVVP की ओर से जारी किए गए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EOI) के अनुसार, BSB का अर्थ था “वैदिक शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, शिक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय पारंपरिक ज्ञान, भारतीय कला और भारतीय परंपरा और संस्कृत जैसे पारंपरिक ज्ञान प्राप्त करना है.

गौरतलब है कि साल 2015 में योग गुरु रामदेव ने सरकार को वैदिक शिक्षा के लिए एक स्कूल बोर्ड स्थापित करने के लिए प्रेरित किया था, लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके लिए मना कर दिया था. उसके बाद 2016 में स्मृति ईरानी ने वेद विद्या के इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया था.

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