वैलेंटाइन डे: प्यार के इजहार का है ये दिन, जानिये इसे क्यों मनाया जाता है??
नई दिल्ली : हर साल 14 फरवरी को पूरे देश में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने चाहने वालों को संत वेलेंटाइन के नाम पर फ्लावर्स, गिफ्ट्स आदि देते हैं। 14 फरवरी को प्रेम के इजहार के दिन ‘वैलेंटाइन डे’ के तौर भी मनाते हैं। आज के दिन प्रेमी जोडे़ एक-दूसरे से प्यार जताते हैं, साथ ही गिफ्ट्स और चॉकलेट्स देते हैं। प्रेमी जोड़े अपने-अपने तरह से इसे सेलिब्रेट करते हैं। आइये आपको बताते हैं कि वैलेंटाइन डे का इतिहास क्या है और इसे क्यों मनाते हैं।
रोम में तीसरी सदी में राजा क्लैडियस का शासन था। एस समय प्लेग से एक दिन में 5000 लोगों की मौत हो गई। काफी संख्या में लोगों के मारे जाने के कारण रोमन सेना सैनिकों की कमी से जूझने लगी। राजा को और सैनिकों की जरूरत महसूस होने लगी। क्लैडियस का मानना था कि अविवाहित पुरूष अच्छे तरह से लड़ सकता है इसलिए उसने सेना में पंरपरागत विवाह पर रोक लगा दी। उस वक्त रोम में संत वैलेंटाइन पादरी थे या मध्य इटली के टेरनी में बिशप थे। वह रोमन राजा क्लैडियस के आदेश के खिलाफ थे।
उन्होंने गुप्त रूप से सैनिकों का विवाह कराना शुरू कर दिया। इस बात की जानकारी जब राजा को हुई तो उसने उनकी मौत का फरमान सुना दिया। संत वैलेंटाइन को गिरफ्तार कर लिया गया। जब उनको मौत दी जानी थी उससे पहले जेलर ऑस्टेरियस ने उनसे अपनी नेत्रहीन बेटी के लिए प्रार्थना करने को कहा। संत वैलेंटाइन के प्रार्थना करने से ऐसा चमत्कार हुआ कि उसकी बेटी की आंखों की रोशनी आ गई और वह देखने लगी। इससे प्रभावित होकर जेलर ने ईसाई धर्म अपना लिया। 14 फरवरी 269 में संत वैलेंटाइन को मौत के घाट उतार दिया गया। फिर 496 ई. में पोप ग्लेसियस ने 14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइन्स डे घोषित कर दिया।
समाज के लोगों के बीच आपसी प्यार व सद्भाव की कामना से शुरू हुआ वैलेनटाइन अब मुख्य रूप से प्रेमी जोड़ों के प्यार के त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा है। भारत में भी बीते दो दशकों से वैलेनटाइन डे मनाने का प्रचलन काफी बढ़ गया है। भारतीय युवा वैलेनटाइन डे को धूमधाम से मनाने लगे हैं। युवा जोड़े एक-दूसरे को वैलेनटाइन कार्ड से लेकर तरह-तरह के महंगे उपहार देने लगे।