वैवाहिक जीवन में होंगी खुशियां ही खुशियां. घर में ऐसा होगा बेडरूम तो
मुख्य शयन कक्ष यदि वास्तु के अनुसार सुसज्जित हो तो दांपत्य जीवन के सुखमय होने की संभावना बढ़ जाती है। वास्तु के अनुसार-
– मास्टर बैडरूम को घर के दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर होना चाहिए। अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल के दक्षिण पश्चिम कोने में होना चाहिए।
– उत्तर-पूर्व दिशा में देवी-देवताओं का स्थान है, इसलिए इस दिशा में कोई बैडरूम नहीं होना चाहिए। इस दिशा में बैडरूम होने से धन की हानि, काम में रुकावट और बच्चों की शादी में देरी हो सकती है।
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– दक्षिण-पश्चिम का बेडरूम स्थिरता और महत्त्वपूर्ण मुद्दों को हिम्मत से हल करने में सहायता प्रदान करता है। दक्षिण-पूर्व में शयन कक्ष अनिद्रा, चिंता और वैवाहिक समस्याओं को जन्म देता है।
– बेडरूम के साथ लगता बाथरूम, कमरे के पश्चिम या उत्तर में होना चाहिए।
– शयन कक्ष घर के मध्य भाग में नहीं होना चाहिए। घर के मध्य भाग को बह्मस्थान कहा जाता है। जोकि आराम और नींद के लिए लिए बने शयन कक्ष के लिए उपयुक्त नहीं है।