मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि हमें व्यापारियों को ध्यान में रखकर काम करना है। उन्हें परेशान करने के लिए काम नहीं करना। मुख्यमंत्री राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर विभाग के 52वें अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। राज्य में सफलता पूर्वक जीएसटी लागू करने के लिए मुख्यमंत्री ने वाणिज्य कर अधिकारियों को बधाई दी।
साथ ही विगत तीन माह में वाणिज्य कर विभाग के परिणाम को उत्तम बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसे और बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें देश के विकास को ध्यान में रखते हुए काम करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। भारत की नीति है कि जो कमायेगा वह दूसरे को भी खिलायेगा। इस बार आप को 71000 करोड़ का टारगेट दिया गया है। मुझे उम्मीद है कि उसे आप पूरा करेंगे।
संवाद ही आगे बढ़ने का रास्ता
मुख्यमंत्री ने धरना प्रदर्शन कर सरकार पर दबाव बनाने वाले विभागों को निशाने पर लेते हुए कहा कि संवाद ही हमेशा आगे बढ़ने का रास्ता है। इसलिए कभी आक्रामक नहीं होना चाहिए। अन्य राज्यों से तुलना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नार्थ इंडिया में केरल, कर्नाटक में अभी तक पांचवा वेतन आयोग लागू है, जबकि इतना बड़ा राज्य होने के बाद भी हम सातवें वेतन आयोग पर हैं।
जीएसटी को लेकर नए लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने जीएसटी में व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन की संख्या पर खुशी जताते हुए नए लक्ष्य भी निर्धारित किए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जीएसटी में सात लाख से तेरह लाख की गई। यह सराहनीय है, पर इसे बढ़ाकर 20 लाख तक किया जा सकता है। जीएसटी व्यापारी के हित में है।
विभाग को नसीहत
विभागों के रिव्यू पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने अभी वाणित्य कर विभाग का रिव्यू नहीं किया है। अभी करना भी नहीं चाहता, पर जब भी मैं जनता के बीच जाता हूं, कुछ शिकायतें मिलती है। हमें व्यापारी को ध्यान में रख कर काम करना होगा। उन्हें परेशान करने के लिए नहीं।