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व्हाट्सएप पर फैली एक कहावत ने 11 राज्यों में ली 30 लोगों की जान

पहले जब बच्चे सोते नहीं थे तो मां बच्चों को डराने के लिए कहती थी जल्दी सो जा नहीं तो बच्चा चोरी करने वाला आएगा और तुझे ले जाएगा। और बच्चे झटपट सो जाते थे। लेकिन आज वही कहावत गुजरात से लेकर त्रिपुरा तक, झारखंड से लेकर मध्यप्रदेश तक लोगों की जान ले रही है। व्हाट्सएप पर फैली एक कहावत ने 11 राज्यों में ली 30 लोगों की जान

सोशल मीडिया पर प्रचारित एक अफवाह की वजह से कुछ दिनों में देश के 30 निर्दोष लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। बच्चा चोरी के शक के मामले की शुरुआत झारखंड से हुई जब सात लोगों को भीड़ ने बच्चा चोर समझकर तब तक मारा जब तक वह मर नहीं गए। यह हमला उनपर तब हुआ जब सोशल मीडिया पर बच्चे को अपहरण करने वाले एक गैंग के मोहल्ले में आने की अफवाह फैली हुई थी। इसके बाद बच्चा चोर समझ निर्दोषों के मारे जाने सिलसिला ही चल पड़ा और एक के बाद एक 11 राज्यों से बच्चा चोरी के मामले में निर्दोष लोगों के मारे जाने की घटना सामने आई है।

महाराष्ट्र के धुले जिले से चौंकाने वाली खबर आई जहां ग्रामीणों ने बच्चा चोरी करने वाले गिरोह का सदस्य होने के संदेह में पांच लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी। धुले में साकरी तहसील के राइन पाड़ा गांव में 5 अनजान लोगों को संदिग्ध अवस्था में देख गांव वालों को शक हुआ कि ये बच्चा चोर हो सकते हैं। इसके बाद गांव वालों ने उन्हें पहले ईंट-पत्थर से मारा और फिर कमरे बंद कर बेरहमी से पीटा। कमरे में इतना मारा गया कि इसी जगह पर पांचों ने दम तोड़ दिया।

केंद्रीय मंत्री और धुले से सांसद सुभाष भामरे ने बच्चा चोर वाली अफवाह पर लगाम लगाने के लिए लोगों से अपील की है कि वह कानून को अपने हाथों में न लें। पांच लोगों की हत्या के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सोशल मीडिया पर प्रचारित होने के बाद ही धुले में पांच लोगों की हत्या भी बच्चा चोर होने के शक में ही की गई है। एक महीने में देश के 11 राज्यों से अभी तक 30 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है।

इन राज्यों में भीड़ के हाथों मारे गए लोग

झारखंड- 7
महाराष्ट्र- 5
तमिलनाडु- 3
तेलंगाना- 2
त्रिपुरा- 3
कर्नाटका- 2
असम- 2
गुजरात- 1
पश्चिम बंगाल- 1
आंध्र प्रदेश- 1
मध्यप्रदेश- 1
त्रिपुरा के सीएम का माकपा पर निशाना
बता दें कि पिछले दिनों त्रिपुरा में बच्चा चोरी की आशंका में एक ही दिन अलग-अलग स्थानों पर भीड़ ने तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। ऐसी घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि राज्य में बच्चा उठाने वाला कोई गिरोह नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की छवि खराब करने की यह माकपा की साजिश है।

इसके अलावा सिपाहीजाला जिले के बिशालगढ़ में भीड़ ने एक अज्ञात महिला की हत्या कर दी। उसके साथ की दूसरी महिला को जख्मी कर दिया। वहीं एक अन्य घटना में यूपी के एक हॉकर जहीर खान कुरैशी को बच्चा चोर समझ कर करीब हजार लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी। वहीं घटना में घायल दो अन्य हॉकरों खुशित खान (यूपी) व गुलजार खान (बिहार) और टैक्सी ड्राइवर स्वपन मिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस के मुताबिक काम के सिलसिले में तीन हॉकर मुराबारी आए थे। उन्होंने बिटरबन से एक वाहन किराये पर लिया और जब उस इलाके में पहुंचे, तो भीड़ बच्चा उठाने वाला समझ कर उन्हें पीटने लगी। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस भी छोड़ा था लेकिन मामला तब शांत हुआ जब अफवाह रोकने के लिए पुलिस को इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी।
गुजरात और असम में पुलिस ने उठाया ये कदम
बता दें कि भीड़ उन्हीं लोगों को निशाने पर ले रही है जो प्रवासी हैं। दूसरी भाषा बोलते हैं, दूसरे राज्य के हैं, गरीब हैं उन्हें भीड़ आसानी से अपना शिकार बना रही है। इन अफवाहों से निपटने के लिए अहमदाबाद पुलिस ने जहां भिखारियों को सजग रहने की सलाह दी और कहा कि कोई चोरी करता हुआ पाया गया तो वह उन्हें बताएं। पुलिस तब सजग हुई 26 जून को एक भिखारी महिला को बच्चा चोर समझ कर पीट-पीट कर मार डाला।

वहीं भीड़ को काबू करने के लिए तेलंगाना के एसपी रेमा राजेश्वरी गांव पहुंची और उन्होंने लोगों को न केवल अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी बल्कि गांव के स्तर पर सरपंच को भी लोगों को सलाह दी कि वह किसी तरह के अफवाह पर ध्यान न देने के लिए लोगों को जागरूक करें।

वहीं असम पुलिस ने तो अफवाहों से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर तक जारी कर दी हैं कि किसी भी तरह का अफवाह फैलने पर उन्हें संपर्क करें। पुलिस ने जगह जगह पोस्टर लगाया है कि अनजान और नए लोगों को चोर समझकर मारे नहीं और पुलिस को बताएं।

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