जोधपुर। एयर इंडिया फ्लाइट में किसी ने अफवाह उड़ा दी की फ्लाइट आतंकवादी है। जब सुरक्षा एजेंसियों ने जांच की तो यह खबर फर्जी निकली। मुंबई से जोधपुर आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट में कुछ संदिग्ध आतंकी होने की सूचना मिली। जो मैसूर में गुमशुदा पंद्रह वर्षीय किशोर का पता बताने के नाम पर उसके पिता से मोटी रकम एंठने की जुगत में एक युवक ने मनगढंत बनाई थी। विमान में उस समय 169 यात्रियों सवार थे। कई घंटों की पूछताछ के बाद पता चला कि जिन्हें संदिग्ध आतंकी बताया गया है, उनमें से दो पुलिस कर्मचारी थे, जबकि एक लापता किशोर का पिता था। जालौर जिले में सायला निवासी दिनेश सुथार (34) बेरोजगार है। वह किसी काम से मैसूर गया था। वहां उसने पंद्रह वर्षीय जसवंत गौड़ा के गायब होने के पोस्टर देखें, जो उसके पिता की तरफ से लगवाए गए थे। पोस्टरों में जसवंत का पता बताने वाले को मोटी रकम देने को कहा गया था। इन पोस्टर को देख दिनेश के मन में लालच जागा और उसने अशोक को फोन लगाकर उनके बेटे जसवंत को जोधपुर के एक आश्रम में देखने की सूचना दी। पुत्र के खोने के गम से दुखी अशोक ने तुरंत दिनेश को अपने पास बुलाया। दिनेश ने उन्हें आश्वस्त किया कि जोधपुर के एक आश्रम में उसने जसवंत को देखा है। अगर वह उसके साथ चले तो वह उन्हें अपने बेटे से मिला सकता है, लेकिन शर्त यह है कि वह इनाम की राशि भी जोधपुर में लेगा। अपने बेटे के गुमशुदा होने की रिपोर्ट लिखा चुके अशोक ने जानकारी पुलिस को दी। ऐसे में आज सुबह अशोक एक हैड कांस्टेबल, एक कांस्टेबल व दिनेश के साथ मैसूर से पहले मुंबई और फिर जोधपुर के लिए रवाना हुए। दिनेश की योजना अशोक को जोधपुर लाकर उसके पैसे लेकर फरार होने की थी। पुलिस अधिकारी के साथ में आने से उसकी योजना धराशाई हो गई। इस पर उसे खुराफात सूझी और उसने इन्हें फंसाने की योजना तैयार की। इसके तहत दिनेश ने एक एयर होस्टेज को बताया कि वह अपनी मर्जी से इस विमान में यात्रा नहीं कर रहा है। कुछ लोग उसे जबरन अपने साथ में लेकर आए है। ये लोग पाकिस्तान और बांगलादेश के है। इनकी मंशा ठीक नहीं है और कुछ गलत काम करने वाले है। क्रू मेंबर की इस जानकारी से पायलट ने एटीसी जोधपुर को अवगत कराया। इसके बाद जोधपुर में तैनात सीआईएसएफ के जवान मामला संज्ञान में ले लिया। एयर इंडिया की फ्लाइट के जोधपुर पहुंचते ही सुरक्षा कर्मियों ने विमान को अपने घेरे में ले लिया। करीब पौन घंटे तक विमान के दरवाजे भी नहीं खोले गए। सभी 169 यात्री सहमे हुए अंदर बैठे रहे। किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार माजरा क्या है। क्रू मेंबर ने इस दौरान उन्हें किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी। इसके पश्चात विमान का गेट खुलते ही सुरक्षा कर्मियों ने अंदर प्रवेश किया। सुरक्षा बलों ने दिनेश की बगल में बैठे पांच जनों को उठा लिया। इनमें से दो व्यक्ति पाली के थे और उनके परिवार में किसी का निधन होने के कारण विमान से जोधपुर पहुंचे थे। पुलिस ने पाली में इसकी पुष्टि की और उन दोनों को छोड़ दिया। शेष तीन से कड़ी पूछताछ में मैसूर पुलिस ने दिनेश की कारस्तानी पुलिस को बताई। इसके बाद पुलिस ने दिनेश के साथ सख्ती से पूछताछ की तो यह कहानी सामने आई। अब पुलिस ने दिनेश को गिरफ्तार कर लिया है।