लगातार हो रही दुर्घटना से खराब हुई रेलवे की इमेज को बेहतर करने में अधिकारी जुटे हुए है। इस कड़ी में सबसे पहले वीवीआईपी ट्रेनों जैसे कि शताब्दी, राजधानी, दुरंतो में फ्लैक्सी फेयर को वापस ले सकता है। इसे लेकर रेलवे बोर्ड में चर्चा शुरू हो गई है। रेलवे बोर्ड के नवनियुक्ति अध्यक्ष अश्विनी लोहानी की भी बुनियादी प्राथमिकता में रेलवे की नकारात्मक छवि को सुधारना है।
मुनाफे के लिए नहीं बनानी नकारात्मक छवि
रेल मंत्रालय में फ्लैक्सी फेयर को वापस लेने की जोर-आजमाईश शुरू हो गई है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार सिर्फ मुनाफे के लिए नकारात्मक छवि से समझौता नहीं किया जा सकता है। लगातार हो रही दुर्घटना व ट्रेनों में खराब खाने के कारण इस मंत्रालय की किरकिरी हो रही है।बता दें कि राजधानी, दुरंतो, शताब्दी ट्रेन में रेलवे ने फ्लैक्सी फेयर की शुरुआत की है। इससे रेलवे को करीब छह सौ करोड़ रुपये का मुनाफा भी हो रहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसकी जबरदस्त शिकायत मिल रही है। हालांकि रेलवे बोर्ड के कई अधिकारियों की दलील है कि फ्लैक्सी फेयर लगाने के बावजूद कई रूट पर ट्रेनों में यात्रियों की कमी नहीं है।
रेलवे की बिगड़ती इमेज को सुधारना जरूरी
रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड अध्यक्ष का पहले एजेंडे में रेलवे की छवि सुधारनी है। इसे लेकर फ्लैक्सी फेयर की फाइल पर चर्चा शुरू हो गई है। इसके नुकसान व फायदे पर विचार किया जा रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु से जल्द ही इसपर मशवरा लेकर फ्लैक्सी फेयर को वापस लिया जा सकता है।
खाने का स्तर सुधारने पर भी जोर
उधर, रेलवे बोर्ड के नये चेयरमैन कैटरिंग के खाने की गुणवत्ता की परख भी शुरू कर दिए है। सोमवार को लोहानी खुद रेलवे मंत्रालय की कैंटिन में बैठकर खाना खाए। दरअसल वे यह संदेश देना चाह रहे है कि खान-पान में गुणवत्ता लाई जाए ताकि अधिकारी भी कैंटिन का खाना खा सके। जल्द ही ट्रेनों में परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता की भी परखा लोहानी करेंगे। खान-पान की गुणवत्ता को लेकर खराब हो रही छवि को भी बेहतर करेंगे।
मुनाफे के लिए नहीं बनानी नकारात्मक छवि
रेल मंत्रालय में फ्लैक्सी फेयर को वापस लेने की जोर-आजमाईश शुरू हो गई है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार सिर्फ मुनाफे के लिए नकारात्मक छवि से समझौता नहीं किया जा सकता है। लगातार हो रही दुर्घटना व ट्रेनों में खराब खाने के कारण इस मंत्रालय की किरकिरी हो रही है।बता दें कि राजधानी, दुरंतो, शताब्दी ट्रेन में रेलवे ने फ्लैक्सी फेयर की शुरुआत की है। इससे रेलवे को करीब छह सौ करोड़ रुपये का मुनाफा भी हो रहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसकी जबरदस्त शिकायत मिल रही है। हालांकि रेलवे बोर्ड के कई अधिकारियों की दलील है कि फ्लैक्सी फेयर लगाने के बावजूद कई रूट पर ट्रेनों में यात्रियों की कमी नहीं है।
रेलवे की बिगड़ती इमेज को सुधारना जरूरी
रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड अध्यक्ष का पहले एजेंडे में रेलवे की छवि सुधारनी है। इसे लेकर फ्लैक्सी फेयर की फाइल पर चर्चा शुरू हो गई है। इसके नुकसान व फायदे पर विचार किया जा रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु से जल्द ही इसपर मशवरा लेकर फ्लैक्सी फेयर को वापस लिया जा सकता है।
खाने का स्तर सुधारने पर भी जोर
उधर, रेलवे बोर्ड के नये चेयरमैन कैटरिंग के खाने की गुणवत्ता की परख भी शुरू कर दिए है। सोमवार को लोहानी खुद रेलवे मंत्रालय की कैंटिन में बैठकर खाना खाए। दरअसल वे यह संदेश देना चाह रहे है कि खान-पान में गुणवत्ता लाई जाए ताकि अधिकारी भी कैंटिन का खाना खा सके। जल्द ही ट्रेनों में परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता की भी परखा लोहानी करेंगे। खान-पान की गुणवत्ता को लेकर खराब हो रही छवि को भी बेहतर करेंगे।
उधर, यह भी चर्चा है कि लगातार हो रही दुर्घटनों को लेकर लोहानी काफी संजीदा है। सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचकर लोहानी इसपर चर्चा भी किए। रेलवे सूत्रों के अनुसार ट्रैक निरीक्षण के लिए जापान के सुरक्षा एक्सपर्ट को बुलाया जाएगा। दुर्घटना वाले क्षेत्रों का जापान के एक्सपर्ट निरीक्षण करेंगे।