अद्धयात्म

शनि को प्रसन्न करने के लिए करें ये महाउपाय, बदल जाएगी किस्मत

व्यक्ति के जीवन में सही या गलत कर्म करना और उस कर्म का फल देना शनि के हाथ में ही है. इसलिए शनि ग्रह को कर्म का कारक माना गया है. शनि ग्रह को आपकी पत्रिका में दशम भाव का और आजीविका का कारक माना गया है. इसलिए बिना शनि के शुभ हुए रोजगार मिलना बहुत ही मुश्किल होता है. शनि दंड देने में किसी भी तरीके का भेदभाव नहीं करते हैं. इसलिए ज्यादातर लोग भय के कारण शनि की उपासना करते हैं.

शनि को प्रसन्न करने के लिए करें ये महाउपाय, बदल जाएगी किस्मत कौन से ऐसे कार्य हैं, जिससे शनि नाराज हो जाते हैं-

– शनि को कर्म का कारक माना गया है और शनि मातृ भक्त हैं.

– माता पिता और उनके सामान आयु के व्यक्तियों का अपमान करने से शनि नाराज हो जाते हैं.

– हरे भरे पेड़-पौधों को नष्ट करने से शनि गुस्सा होते हैं.

– मजदूर लोगों का और अपने कर्मचारियों का हक मारने वाले लोगों से शनि खुश नहीं होते हैं.

– किसी की जमीन जायदाद और पैसा हड़प लेने से शनि उसकी जिंदगी में अंधकार ले आते हैं, इसलिए शनि को अंधकार का कारक भी माना गया है.

– घर के पश्चिम दिशा को साफ ना रखने के कारण और वहां जल भराव के कारण से शनि नाराज हो जाते हैं.

शनि किन आदतों के कारण आपसे खुश होते हैं-

– अपने माता पिता से प्रेम पूर्वक व्यवहार के कारण शनि खुश हो जाते हैं.

– शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाने से शनि खुश हो जाते हैं.

– आचरण और व्यवहार को सही रखने के कारण भी शनि की प्रसन्नता देखने के लिए मिलती है.

– पीपल के छोटे-छोटे पौधे लगाने से भी शनि खुश होते हैं.

– अपनी आय से कम आय वाले व्यक्तियों के साथ मधुर व्यवहार के कारण शनि की प्रसन्नता दिखती है.

– भगवान शिव और कृष्ण के मंत्रों का जाप करने से शनि प्रसन्न होते हैं. जैसे नमः शिवाय या ॐ  नमो भगवते वासुदेवाय इन मंत्रों का लगातार जाप करना शनि को बहुत पसंद आता है.

– सभी स्त्रियों का सम्मान करने से भी शनि खुश होते हैं.

शनि को प्रसन्न करने के महाउपाय कौन से हैं?

रुका हुआ धन पाने के लिए- शनि को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद तिल के तेल का चौमुखा दिया पीपल के पेड़ के नीचे जरूर जलाएं. ऐसा लगातार 27 शनिवार तक करें. ऐसा करने से आपका रुका हुआ धन आपको जरूर मिलेगा.

शनि की ढैया और साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव से बचने के लिए- शनिवार के दिन सूर्य उदय होने से पहले या सूर्यास्त के बाद लाल आसन पर बैठकर सुंदरकांड का पाठ करें. पाठ करने से पहले तिल के तेल का दीया जलाएं और एक स्टील के लोटे में जल भरकर रखें. पाठ के बाद स्टील के लोटे का जल सारे घर में छिड़क दें.

नौकरी व्यापार में सफलता के लिए- शनिवार के दिन सूर्य उदय होने से पहले सरसों के तेल का एक दीपक शनिदेव के समक्ष जलाएं और शनि स्तोत्र का पाठ करें. पाठ के बाद गुड़ चने का भोग शनि देव को लगाएं. उसके बाद गुड़ और चना छोटे बच्चों में बांट दें. ऐसा करने से नौकरी व्यापार में सफलता मिलेगी.

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