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शरद पवार के पोतों ने उनसे फिर चुनाव लड़ने की की अपील

2019 लोकसभा चुनाव से ऐन पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ऐलान किया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। माना जा रहा है कि परिवार में मतभेद के बाद उन्होंने ऐसा ऐलान किया है। हालांकि उनके पोतों ने उनसे फिर चुनाव लड़ने की अपील की है।

  • शरद पवार ने यह बयान देकर सबको चौंका दिया था कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे
  • माना जा रहा पारिवारिक कलह की वजह से शरद पवार ने यह फैसला लिया है
  • पवार के पोतों ने सोशल मीडिया के जरिए की शरद से चुनाव लड़ने की अपील
  • अपने फैसले पर पुनर्विचार करें, वैसे हर कदम पर हम हैं साथ: रोहित पवार

मुंबई : 2019 लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने यह बयान देकर सबको चौंका दिया था कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। माना जा रहा है कि पारिवारिक कलह की वजह से शरद पवार ने यह फैसला लिया है। पर, अब खुद उनके पोतों (पार्थ और रोहित) ने उनसे चुनाव लड़ने की गुहार लगाई है। दोनों ने शरद पवार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और चुनाव लड़ने की अपील की है। बता दें कि पवार ने ऐलान के समय कहा था कि वह चुनाव लड़ने से पीछे इसलिए हट रहे हैं कि मावल सीट से उनके पोते पार्थ पवार चुनाव लड़ने जा रहे हैं।  शरद पवार के इस घोषणा के बाद फेसबुक पर उनके पोते रोहित पवार ने अपनी बात रखी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ‘शरद पवार ने लंबे समय तक लोगों की सेवा की है। वह हमेशा वही करते हैं जो जनता चाहती है। एक पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते मैं चाहता हूं कि वह यह चुनाव लड़ें। हालांकि अंतिम निर्णय तो उन्हें ही करना है लेकिन मैं चाहता हूं कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। वैसे हर कदम पर हम उनके साथ हैं।’

उधर, शरद पवार के भतीजे अजित पवार के बेटे पार्थ पवार ने भी रोहित के सुर में सुर मिलाया है। पार्थ ने कहा, आज हमारी पार्टी जिस मुकाम पर है, उसका श्रेय शरद पवार को जाता है। मैं चाहता हूं कि वह चुनाव लड़ें। मैं और रोहित उनसे मिलकर इसके लिए अपील करेंगे। पार्टी के सभी कार्यकर्ता भी चाहते हैं कि वह चुनाव लड़ें। दरअसल, पवार परिवार में इस बार चुनाव के साथ ही अंतर्कलह साफ देखने को मिल रही है। पार्थ की उम्मीदवारी को अजित पवार द्वारा पार्टी पर अपनी पकड़ बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। अगर पार्थ मावल सीट पर चुनाव जीत जाते हैं तो दिल्ली में वह सुप्रिया सुले के समकक्ष हो जाएंगे। ऐसा इसलिए भी है कि एनसीपी के नेताओं का मानना है कि अजित के साथ निष्ठावान समर्थक हैं और अजित ने पार्टी को बनाने में काफी योगदान दिया है। इससे पहले शरद पवार ने पार्थ की उम्मीदवारी को खारिज करते हुए कहा था कि चूंकि वह और उनकी पुत्री सुप्रिया सुले (बारामती से) चुनाव लड़ रहे हैं, लिहाजा एक ही परिवार से अगर तीन-तीन उम्मीदवार चुनाव में उतरेंगे तो पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश जाएगा।

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