नई दिल्ली : जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद शरद यादव द्वारा महिलाओं के रूप-रंग को लेकर की गई टिप्पणी पर सोमवार को राज्यसभा में हंगामा खड़ा हो गया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह मुद्दा उठाया और शरद से मांग की कि वह अपनी टिप्पणी वापस लें। राज्यसभा में पिछले हफ्ते बीमा विधेयक पर चर्चा के दौरान जद (यू) नेता शरद ने गोरे रंग वालों के प्रति भारतीयों के जुनून पर टिप्पणी की थी और कहा था, ”आपके भगवान रविशंकर प्रसाद जैसे सांवले हैं, लेकिन आपकी शादी के विज्ञापनों में गोरी वधू पर जोर दिया जाता है।” दक्षिण भारतीय महिलाओं के रंगरूप पर उन्होंने कहा था, ”दक्षिण भारत की महिलाओं का रंग काला होता है, लेकिन वे उतनी ही सुंदर होती हैं जितना कि उनका शरीर..हम इसे अपने यहां नहीं देखते हैं। उन्हें नृत्य आता है।” सदन में सोमवार को मुद्दा उठाते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, ”दक्षिण भारतीय महिलाओं पर टिप्पणी की गई, मेरा भी जिक्र किया गया, लेकिन मैं चुप रहा था। मैं स्वयं को उस टिप्पणी से अलग रखना चाहता हूं।” उन्होंने सदन के अध्यक्ष से आग्रह किया, ”मैं उस टिप्पणी से पूरी तरह असंतुष्ट हूं। आप सदस्य से कहें कि वह अपनी टिप्पणी वापस लें।” अपने बयान पर सफाई देते हुए शरद यादव ने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने कहा, ”भारत में और विश्व में बहुत-सी महिलाओं का रंग सांवला है। मैं इस मुद्दे पर किसी के भी साथ चर्चा कर सकता हूं, हम भारतीय संस्कृति के पक्ष में हैं।”
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शरद यादव को तुरंत ही जवाब देते हुए कहा कि सदस्यों को महिलाओं के रंगरूप पर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ”मैं आपके माध्यम (सदन के अध्यक्ष) से सम्माननीय सांसद से अपील करती हूं कि वह महिलाओं के रंगरूप के बारे में टिप्पणी न करें। आप (शरद यादव ) तो एक वरिष्ठ सदस्य हैं, पूरे देश में एक बहुत गलत संदेश गया है।” शरद यादव ने जवाब में कहा, ”मैं आरोप का सख्ती से खंडन करता हूं।” उन्होंने कहा, ”गांधी से लेकर लोहिया तक मेरे पास सभी के रिकॉर्ड हैं कि महिलाओं के बारे में क्या-क्या कहा गया है। सांवली महिलाओं के लिए ढेर सारे संघर्ष किए गए हैं।” इसके जवाब में स्मृति ने कहा, ”कृपया ऐसा न करें। गांधी और लोहिया का नाम लेते हुए महिलाओं पर टिप्पणी न करें।” राज्यसभा के उपसभापति पी.जे. कुरियन ने कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं देंगे। वहीं विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि यह अधिक जटिल होता जाएगा।