शराब को लेकर बड़ा फैसला, अब मंदिर के 250 मीटर के दायरे में नहीं बिकेगी मदिरा…
अति प्राचीन और हेरिटेज मंदिरों के आसपास 250 मीटर के दायरे में अब शराब नहीं बेची जा सकेगी। शनिवार को नगर निगम के कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक में यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया। साथ ही सभी पानी की टंकियों में पानी भरा जा रहा है या नहीं, इसकी जांच कराने का भी निर्णय लिया गया है। 16 फरवरी को हुई बैठक के चार महीने बाद महापौर मृदुला जायसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सबसे पहले पार्षद अजीत सिंह ने पेयजल समस्या पर सवाल किया। उन्होंने कहा कि कुल 17 ऐसी टंकियां है, जिनमें पांच साल बीतने के बाद पानी नहीं पहुंचा है। पेंट कर इन टंकियों को सुंदर तो बना दिया, लेकिन क्षेत्रीय लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।
इनमें पानी नहीं भरा जा रहा है। इस पर समिति ने वास्तविक रिपोर्ट के लिए सात सदस्यों की कमेटी बनाने को कहा। इसमें जलकल, जल निगम, नगर निगम के अधिकारी, उप सभापति व कार्यकारिणी सदस्य अजीत सिंह शामिल होंगे। महापौर ने नगर आयुक्त आशुतोष द्विवेदी को दो दिन के अंदर जांच कमेटी बनाने को कहा।
कार्यकारिणी सदस्य राजेश यादव चल्लू ने हरिद्वार और अयोध्या की तर्ज पर शहर के हेरिटेज मंदिरों के आसपास ढाई सौ मीटर के अंदर शराब, मांस की बिक्री पर रोक लगाने को कहा। महापौर ने इस पर सहमति जताते हुए इसका प्रस्ताव शासन को भेजने का आदेश जारी किया। सदस्य रेशमा परवीन ने छित्तनपुरा की पेयजल समस्या पर नलकूप रीबोर करवाने की मांग की।