स्वास्थ्य

शरीर के लिए फायदेमंद है मशरूम का चटपटा सूप, ऐसे बनाये

विश्वभर में मशरूम की लगभग 38 हजार प्रजातियां हैं। इनमें से 700 खाने योग्य और 270 का उपयोग चिकित्सा पद्धति में किया जाता है। न्यूटि्रशनिस्ट कविता देवगन से जानिए मशरूम की कुछ खास रोचक बातें। 
शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है, मशरूम का चटपटा सूपअलग-अलग आकार में दिखने वाले मशरूम को लेकर एक आम धारणा है कि यह आज के जमाने की सब्‍जी है, जबकि ऐसा नहीं है। कहा जाता है कि दो हजार वर्ष पहले चीन और जापान में सूजन, गठिया और अन्य दर्दों के उपचार के लिए ‘रेशी’ नाम के मशरूम का इस्तेमाल किया जाता था। यह फेफड़ों और सांस संबंधी बीमारियों के लिए भी अच्छा माना जाता रहा है। यानी खाने में लाजवाब लगने वाले मशरूम दवा के रूप में भी इस्तेमाल होते रहे हैं।

मशरूम खाने में तो स्वादिष्ट होता ही है, स्वास्थ्य के लिहाज से भी इसे लाभकारी माना गया है।  100 ग्राम मशरूम में केवल 34 कैलोरी ही होती है। इसके अलावा यह फैट और कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है। इसमें प्राकृतिक रूप से सोडियम और प्रचुर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है यानी केले से भी ज्यादा। इसके अलावा विटामिन्स, मिनरल्स, जिंक, कॉपर, मैग्नीज आदि खनिज तत्व भी भरपूर पाए जाते हैं। इसकी खास बात यह है कि पकाने के दौरान भी इसमें पोषक तत्व बने रहते हैं। 

मशरूम के फायदे
मशरूम एक तरह का प्रोबायोटिक फूड भी है। इससे बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। यह इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाता है, साथ ही भोजन को शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाने में मदद करता है। चूंकि इसमें जिंक होता है, जिससे शरीर की व्हाइट गुड सेल्स को मजबूती मिलती है, यह शरीर में बीमारियों से लड़ पाते हैं। मशरूम को आसानी से पचाया जा सकता है और पेट की बीमारियों से निपटने के लिए भी अच्छा होता है। इसमें विटामिन बी2 और विटामिन बी3 भी पाया जाता है। दोनों ही मेटाबॉलिज्म को सक्रिय बनाने में मदद करते हैं।

मेटाबॉलिज्म अच्छी तरह से कार्य करे, तो इसके लिए जरूरी है कि शरीर को प्रोटीन, फाइबर और विटामिन बी की अच्छी मात्रा मिलें। मशरूम में इन तीनों की अच्छी मात्रा पाई जाती है। मशरूम लिवर के लिए भी अच्छा होता है। चिकित्सा के लिहाज से रेशी मशरूम का फेफड़ों पर अच्छा प्रभाव होता है और खासकर, जिन्हें अस्थमा या अन्य सांस संबंधी शिकायतें हैं। यही नहीं, मशरूम एक प्रकार का एंटी-डायबिटीक फूड भी है। इनमें खास तरह के तत्व पाए जाते हैं, जो अग्नाशय और अन्य अंत: स्रावी ग्रंथियों को अच्छी तरह से कार्य करने में मदद करते हैं। कई देशों में तो एड्स से लड़ने में इसके प्रभावों पर अध्ययन भी किया जा रहा है। अध्ययन बताते हैं कि ये कैंसर के खतरे को कम करने के अलावा कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करते हैं। 

खास बात 
-लसलसा या दाग वाले मशरूम का इस्तेमाल खाने में न करें। मशरूम को ज्यादा न पकाएं। नहीं तो वह रबर जैसे बन जाएंगे।
-मशरूम को हवा लगती रहनी चाहिए, इसलिए इसे प्लास्टिक के बैग में स्टोर नहीं करना चाहिए। इसकी जगह पर पेपर बैग का इस्तेमाल करें। 
-बाजार में ड्राई मशरूम भी मिलते हैं। ये एक साल तक खराब नहीं होते हैं। इन्हें आप ताजे मशरूम के साथ मिलाकर इस्तेमाल कर सकती हैं। 
-मशरूम बहुत ही जल्दी फैट को सोखता है, इसलिए मशरूम पकाते समय अच्छी क्वालिटी का मक्खन या तेल इस्तेमाल करें। 
-मीट या एग करी में अतिरिक्त स्वाद लाने के लिए भी आप मशरूम का इस्तेमाल कर सकती हैं। 
मशरूम सूप
मशरूम सूप तैयार करने के लिए आपको चाहिए बारीक कटा एक प्याज, आवश्यकतानुसार मक्खन, दो कप बारीक कटा मशरूम, चार बड़े चम्मच कॉर्नफ्लोर, काली मिर्च पाउडर, स्वादानुसार नमक और दो कप वेजिटेबल स्टॉक। एक पैन में थोड़ा मक्खन गर्म करें और प्याज को पारदर्शी होने तक भूनें। अब बारीक कटे मशरूम को इसमें मिलाएं। मशरूम को नरम होने तक पकाएं। आप इसमें लहसुन भी मिला सकती हैं। इसमें कॉर्नफ्लोर और वेजिटेबल स्टॉक मिलाएं। इसे चलाते हुए पकाएं। जब मिश्रण गाढ़ा हो जाए, तो इसमें काली मिर्च पाउडर, नमक मिलाएं। लगभग 15 मिनट तक सूप को धीमी आंच पर पकाएं। 
ग्रिल करके ही खाएं
यूं तो हम मशरूम को अलग-अलग तरीके से पकाते हैं। कुछ लोग तल कर भी खाते हैं, तो वहीं कुछ लोग सब्जी या सलाद में मिक्स करके इसे खाते हैं। लेकिन क्या यह तरीका सही है? फूड साइंस के एक इंटरनल जरनल की रिपोर्ट की मानें, तो मशरूम को ग्रिल करके ही खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। उबालने या फ्राई करने की तुलना में ग्रिल करने से इसमें ज्यादा पोषक तत्व  होते हैं। ग्रिल करने से मशरूम का एंटी-ऑक्सीडेंट और प्रोटीन कंपाउंड खत्म नहीं होता है। 
 

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