लखनऊ। आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक में दूसरे दिन संघ कार्यो की समीक्षा के साथ विस्तार पर मंथन चला। शहरों से निकलकर गांवों की ओर बढ़ने की जरूरत महसूस हुई। भारतीय किसान संघ के काम में तेजी लाने पर विचार किया गया। हिंदुत्व के साथ सामाजिक समरसता को बढ़ाने का चिंतन भी चला। विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रमों को अधिक गंभीरता और व्यापकता से चलाने का विचार भी बना। सूत्रों का कहना है कि प्रांतीय व क्षेत्र स्तर पर संगठनात्मक कार्यो का ब्यौरा लेने के अलावा ग्रामीण विकास, गंगा स्वच्छता अभियान, वनवासी, दलित व पिछड़े इलाकों में अधिक कार्य करने की जरूरत महसूस की गई। खासतौर से किसानों के बीच आरएसएस का दायरा बढ़ाने पर जोर रहा। ‘सम्पन्न किसान, शक्तिशाली भारत’ नारे को साकार करने की जिम्मेदारी भारतीय किसान संघ को सौंप कार्य विस्तार करने पर जोर दिया गया। निरालानगर में कल केंद्रीय कार्यकारी मंडल ने समूह बैठकों के जरिए संगठनात्मक समीक्षा की। विभिन्न क्षेत्रों में कार्यो के अलावा नए प्रयोगों पर चर्चा हुई। सर संघचालक मोहन भागवत, प्रवीण तोगड़िया, सुरेश भैया जी जोशी और रामलाल जैसे शीर्ष पदाधिकारियों की मौजूदगी में देर शाम तक बैठकों का सिलसिला चला। केंद्र के अलावा अन्य राज्यों में भी भाजपा का असर बढ़ने से उत्साहित संघ पदाधिकारियों ने इस अवसर का सदुपयोग करके संगठन विस्तार करने पर जोर दिया। एजेंसी