डोगरीपोरा : जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के हमले में एसएचओ फिरोज अहमद डार शहीद हो गए जिसके बाद शुक्रवार की रात उन्हें सुपुर्द ए खाक किया गया. जब 32 वर्षीय शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया और अंतिम यात्रा शुरू हुई, उस समय जनाजे में शामिल लोगों को उनका फेसबुक पोस्ट याद आ रहा था.
शहीद डार ने ये पोस्ट 18 जनवरी, 2013 को लिखा था जिसमे उन्होंने लोगों को अपने आखिरी सफर की कल्पना करने को कहा था. इस पोस्ट में डार ने लिखा था कि क्या कभी आपने खुद से इस बारे में पूछा है कि मेरी कब्र में मेरे साथ पहली रात को आखिर क्या होगा. क्या उस पल के बारे में सोचा है जब आपको कफ़न पहनाने के लिए शव को नहलाया जा रहा होगा. आपकी कब्र तैयार की जा रही होगी. उस पल के बारे में ख्याल किया है जब आपको कब्र में डाला जा रहा होगा.
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बता दे कि शहीद डार वर्ष 2010 में सब इंस्पेक्टर के तौर पर कश्मीर पुलिस में शामिल हुए थे. जब उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव डोगरीपोरा पहुंचा तब उनकी दोनों बेटियों को इस बात की बिलकुल जानकारी नहीं थी कि उनके घर के बाहर लोग क्यों एकत्रित हुए है.