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शहीद के अंतिम संस्कार में फूटा गुस्सा, PAK मुर्दाबाद कहा, झंडे को मारे जूते

47_1477377976कुरुक्षेत्र (पिहोवा)। कुरुक्षेत्र के पिहोवा कस्बे में मंगलवार को शहीद सुशील कुमार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। सुशील रविवार रात से जम्मू-कश्मीर में इंटरनेशनल बॉर्डर पर हुई फायरिंग में गोली लगने से शहीद हुए थे। वे आरएस पुरा सेक्टर में तैनात थे। बड़ी संख्या में उमड़े लोग, पाकिस्तान के झंडों को मारे जूते….
 
– सुशील कुमार का पार्थिव शरीर सोमवार रात 2 बजे ट्रेन से दिल्ली से कुरुक्षेत्र लाया गया।
– कुरुक्षेत्र से मंगलवार सुबह 7.30 बजे सुशील का पार्थिव शरीर पिहोवा पहुंचा।
– जहां बड़ी संख्या में लोग पहले से अंतिम दर्शन को इंतजार कर रहे थे।
– पिहोवा चौक से बीएसएफ के जवान अपने कंधों पर सुशील के पार्थिव शरीर को उनके घर तक लेकर पहुंचे।
– परिजनों के अंतिम दर्शन के बाद संस्कार के लिए ले जाया गया। जहां बीएसएफ की एक टुकड़ी ने सलामी दी और शहीद सुशील के बेटे मोहित ने मुखाग्नि दी।
– इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए और उनके झंडें को जूते मारे।
 
राज्य सरकार ने की 50 लाख रुपए देने की घोषणा
शहीद के अंतिम संस्कार के समय हरियाणा के मंत्री कृष्ण बेदी पहुंचे। उन्होंने शहीद के परिजनों स मुलाकात की और राज्य सरकार की तरफ से 50 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा भी की। इसके अतिरिक्त हरियाणा के पूर्व वित्तमंत्री हरमोहिंद्र सिंह चट्ठा, इनेलो के पिहोवा से विधायक जसविंद्र सिंह संधु भी शहीद को श्रद्धांजली देने पहुंचे।
 
बीएसएफ की 127 बटालियन में तैनात थे सुशील कुमार
– सुशील कुमार बीएसफ की 127 बटालियन में जम्मू के आरएसपुरा सेक्टर में तैनात थे।
– 45 वर्षीय शहीद सुशील पिछले 24 साल से भारतीय सेना में थे।
– उनके परिवार में उनकी पत्नी सुनीता, बूढ़ी मां सोमादेवी और 12वीं में पढ़ रहा बेटा मोहित व 10वीं में पढ़ रही बेटी महक है।
 
रात में हुई मां से बात तो बोला दीपावली मना रहे हैं
– सुशील कुमार ने रविवार रात अपनी मां सोमादेवी से फोन पर बात की थी। सोमादेवी ने बताया कि सुशील कुमार के पीछे गोलियां चलने की आवाज आ रही थी, उन्होंने पूछा कि ये गोलियां चलने की आवाज क्यों आ रही है, तो सुशील कुमार ने जवाब दिया की मां हम दीपावली मना रहे हैं।
– इस पर सोमादेवी ने कहा कि अभी तो दीपावली में कई दिन बाकी है तो सुशील कुमार ने कहा कि यहां तो हररोज दीपावली मनाई जाती है।

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