उत्तराखंड

शांति वादियों में नशे के आगोश में युवतियां, नींद में पुलिस

drunk-woman-high-voltage-drama-in-dehradun-5600e5ff6a2b3_exlstशिक्षा के हब देहरादून को नशे का हब बनने से रोकने में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के निर्देश और देहरादून पुलिस के अभियान भी नाकाफी साबित नहीं हो रहे हैं।

नशे का बड़ा बाजार बन चुके दून में युवतियां भी नशे की गिरफ्त में आती जा रही हैं। बीते दो महीने में सरेआम युवतियों के नशे में होने पर हुए हंगामे इसकी तस्दीक करते हैं। रविवार रात हुक्का बार में एक छात्रा की नशे की अधिकता से बिगड़ी हालात तो एक उदाहरण भर है।

हालात ज्यादा खराब हैं। रोजमर्रा पुलिस को नशे में धुत युवतियों के हंगामे से दो-चार होना पड़ता है। इसके बावजूद पुलिस शहर से नशे का नेटवर्क तोड़ने का कोई प्रयास करती नहीं दिख रही है। दून में नशे का कारोबार किस गहराई तक जड़े जमा चुका है कि इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक महीने में बिना किसी खास प्रयास के पुलिस ने जिले से 140 नशे के तस्कर पकड़े हैं।

यदि पुलिस बृहद स्तर पर अभियान चलाकर तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करे तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये आंकड़े कहां तक पहुंचेंगे। दून में नशे की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

पुलिस के एक माह की कार्रवाई के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। पुलिस ने तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पिछले एक माह में 10 किलो 585 ग्राम चरस, 93.58 ग्राम स्मैक, 1556 नशे की गोलियां, 50 नशे के इंजेक्शन, 17.7 किलो गांजा, 166 पेटी अवैध शराब बरामद की है।

दून में युवतियां नशे की कम आदी नहीं है। पिछले दो महीने में चार बार सार्वजनिक स्थानों में नशे से धुत युवतियों के हंगामे के बाद पुलिस की फजीहत हुई है।

दो महीने पहले नशे में धुत एक युवती ने दून अस्पताल में जमकर हंगामा काटा था। इस दौरान मरीजों और तीमारदारों को तो परेशानी उठानी पड़ी थी, साथ ही पुलिस की भी फजीहत हुई थी। इस घटना को बीते दस दिन भी नहीं गुजरे थे कि रायपुर थाना क्षेत्र के एक होटल में शराब पीने के बाद युवती ने सड़क पर हंगामा कर दिया।

पुलिस युवती को पकड़कर थाने लाई तो उसने पुलिस पर ही रेप का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। हालांकि बाद में युवती के आरोप झूठे साबित हुए लेकिन, मामले में कई दिनों तक पुलिस फजीहत झेलनी पड़ी थी।

इस घटना के एक सप्ताह के अंदर ही नशे में धुत एक युवती ने पटेलनगर थाना क्षेत्र के लाल पुल में जमकर हंगामा काटा था। अब रविवार को एक कॉलेज की छात्रा की नशे की ओवरडोज लेने के कारण हालत खराब हो गई। हालांकि अब उसकी तबीयत ठीक है।

चाची गैंग का रहा हाथ
दून में नशे का कारोबार मजबूत करने में बरेली के चाची गैंग का काफी हाथ रहा है। दो साल पहले तक यह गैंग सक्रिय रूप से उत्तर-प्रदेश के विभिन्न शहरों से नशे की खेप लाकर दून में सप्लाई करता था। भले ही पिछले दो साल से इस गैंग के किसी सदस्य की गिरफ्तारी न हुई हो, लेकिन शहर में अभी भी इसकी सक्रियता से इनकार नहीं किया जा सकता है। चाची गैंग के सदस्यों ने शुरुआत में दून के कॉलेजों में नशे की खेप पहुंचानी शुरू की थी।

दून में नशे की तस्करी का नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए पुलिस कार्रवाई करती है। तस्कर गिरफ्तार होते हैं। उनके पास से स्मैक, चरस, नशे की गोलियां और इंजेक्शन बरामद होते है।

इनमें से अधिकतर में एक ही कहानी होती है कि उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाके छुटमुलपुर या बिहारीगढ़ से नशे का सामान लाकर दून में बेचा जाता है। कभी उत्तराखंड पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ समन्वय बनाकर उन ठिकानों पर कार्रवाई नहीं की।

बदल रहा एजूकेशन हब का मिजाज
एक शिक्षण संस्थान की तीन छात्राओं के हुक्का बार में जाने पर बीमार होने के मामले ने नशे के रूप में एजूकेशन हब के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। तमाम शिक्षण संस्थानों में दूसरे राज्यों से आकर पढ़ने वाले छात्र नशे के नेटवर्क की गिरफ्त में आ रहे हैं। इससे एजूकेशन हब का मिजाज बदल रहा है।

शिक्षण संस्थान इससे परेशान हैं। एसजीआरआर पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. वीए बौड़ाई कहते हैं कि छात्र घर से बाहर रहते हैं। हॉस्टल वार्डन उनकी निगरानी करते हैं, लेकिन वह बहाने से निकल जाते हैं। ऐसे में हम सबके लिए नशे की लत को खत्म करना बड़ी चुनौती है।

मेडिकल स्टोरों पर छापे, तीन के लाइसेंस निरस्त

नशा बेचने की शिकायत पर सोमवार को जिले भर में मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की गई। मानकों के विपरीत दवा की बिक्री करने वाले तीन मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त किए गए, जबकि 10 दुकानों से सैंपल लिए गए हैं। रिपोर्ट निगेटिव आने पर इनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी के निर्देश पर सोमवार को ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती की अगुवाई में मुहब्बेवाला में पटेलनगर पुलिस के साथ छापेमारी की गई। यहां पर एक झोला छाप द्वारा दवा दी जा रही है। क्लीनिक और दवाएं सीज कर दी गई।
हरबर्टपुर में बाला मेडिकल स्टोर और सुद्दोवाला स्थित गणपति मेडिकल स्टोर पर शैडयूल-एच की दवाओं का भंडारण और बिक्री मानकों के विपरीत पाई गई। इन दोनों के लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई। इसके अलावा 10 मेडिकल स्टोर से दवा के सैंपल लिए गए।

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