शादी का अनूठा विज्ञापन पढ़कर खुद को मुस्कुराने से रोक नहीं पाएंगे !
मध्यप्रदेश के नीमच जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां खुद की शादी के लिए अनोखा विज्ञापन देकर एक व्यक्ति उपहास का पात्र बन गया है.
दरअसल, जिले की सिगोली तहसील के झांतला गांव में रहने वाला 35 वर्षीय जगदीशचंद्र रेगर एक स्थानीय अखबार में शादी का अनूठा विज्ञापन छपवाकर सुर्खियों में है. विज्ञापन की कटिंग सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है और लोग चटखारे ले-लेकर उसकी चर्चा कर रहे हैं.
पड़ताल में पता चला है कि देशभर में फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप के जरिए उपहास का पात्र बन चुका जगदीशचंद्र रेगर फिलहाल घर से गायब हो गया है.
ग्रामीणों ने बताया कि, मोतीलालजी रेगर का बेटा जगदीशचंद्र काफी उम्र बीत जाने के बाद भी अब तक कुंवारा है. यह बात रोज उसको खटकती थी, इसलिए उसने लड़की की तलाश के लिए अखबार में फोटो, पते और मोबाइल नंबर सहित विज्ञानप छपवा दिया.
उसके पड़ोसियों की मानें तो विज्ञापन छपने के बाद जगदीशचंद्र रोजाना की तरह गांव में ही था, लेकिन जब गांव के युवाओं को अखबार और सोशल मीडिया से इस अनूठे विज्ञापन की खबर लगी तो वे उसकी हंसी उड़ाने लगे. इसके बाद से वह घर से किसी को बिना कुछ बताए चुपचाप निकल गया और वापस नहीं लौटा. वहीं, उसका मोबाइल फोन भी बंद है.
आखिर, ऐसा क्या खास है विज्ञापन में
आमतौर पर अखबारों में छपने वाले विज्ञापनों में वैवाहिक विज्ञापनों में एक अलग तरह के शब्द लिखे होते हैं, लेकिन इस विज्ञापन की शब्दावली कुछ हटकर ही है. पढ़िए:-
”एक बेचारो, मुसीबत को मारो, जगदीश कुंवारो
इसको लड़की की तलाश है,
इस विज्ञापन से बड़ी आस है”
”लूली, लंगड़ी, कानी, खोड़ी तक चल जाएगी और विधवा औरतों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी. न जात-न पात, न ऊंच-न नीच, काली हो या गोरी, मोटी हो या छोटी, लड़की ऐसी हो जो सिर्फ चाहने वाली हो, जगदीश का अगर जीवन भर साथ निभाएगी तो सारी वसीयत पाएगी. 20 से 40 वर्ष तक कोई भी महिला संपर्क कर सकती है.”
”नोट- विधवा, बेसहारा, अनाथ व बच्चों वाली महिलाओं को पहले प्राथमिकता.”