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शादी के कार्ड से जुड़ा है दूल्हा-दुल्हन के ​जीवन की खुशियों का राज, आप भी जानिए…

शादी जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और शादी बाद इंसान की नयी जिदंगी की शुरूआत होती है। शादी के मौके पर कई चीजों का ध्यान रख कर तैयारी की जाती है लेकिन कुछ चीजों को अनदेखा किया जाता है जिसका बाद में वर व वधु के जीवन पर नकारात्मक असर पडता है। शादी कार्ड के वास्तु का भी अपना महत्व होता है जिसे ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं जिसका खामियाजा बाद में उठाना पडता है। आइए आपको बता देते हैं कि शादी के कार्ड का वास्तु किस तरह होता है और किस तरह इसका उपयोग किया जाना चाहिए।

1. कई लोग फैशन की वजह से टेढे-मेढे आकार के शादी के कार्ड छपवा लेते हैं जो कि वास्तु अनुसार गलत माना है।

2. कार्ड का आकार वर्गाकार ही होना चाहिए,वास्तु अनुसार इसे शुभ माना जाता है और सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।

3. रंग जहां जीवन में अपना असर छोडते हैं तो शादी के कार्ड पर भी अपना प्रभाव दिखाते हैं। इसलिए कार्ड पर रंगों का विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी है।

4. कार्ड पर बैंगनी,काले रंग का उपयोग नहीं होना चाहिए और शुभ कार्यों के प्रतीक लाल,पीला व हरे रंग को ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

5. आज के समय में शादी के कार्डों पर वर व वधु की तस्वीर छपवाने का चलन ज्यादा बना हुआ है जो कि शादी कार्ड के वास्तु के हिसाब से विपरीत माना गया है क्यों कि कार्ड मिलने के कुछ दिनों बाद इन कार्डों को इधर-उधर फैंक दिया जाता है जिससे संबंधित वर व वधु की खुशियों पर भी नकारात्मक असर पडता है।

6. शादी के कार्ड पर काले रंग के अक्षरो का भूलकर उपयोग नहीं करना चाहिए इससे अशुभ माना जाता है। इस तरह शादी कार्ड के वास्तु को ध्यान में रखकर आने वाली जिंदगी में भी खुशियां बनाई जा सकती हैं।

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