शादी के लिए जरूरी है उम्र का फासला
दस्तक टाइम्स/एजेंसी : सदियों से हमारे देश में शादी को लेकर लोगों के मन में एक मानसिकता बनी हुई है। मानसिकता ये कि लड़के की उम्र लड़की से जयादा होनी चाहिए।
उम्र के बीच का ये फासला लगातार चला आ रहा है। लेकिन ऐसी क्या वजह है कि लड़का हमेशा लड़की से बढ़ा ही होना चाहिए।
आखिर क्यों रखा जाता है उम्र में ये अंतर। आइए हम आपको बताते हैं इस पहेली के कुछ पहलू।
शादी के लिए उम्र को लेकर एक बॉयोलॉजिकल तर्क है कि पुरुषों में ढलती उम्र के लक्षण महिलाओं की तुलना में देर से नजर आते हैं, जबकि महिलाएं जल्दी उम्रदराज नजर आने लगती हैं,ऐसे में उनकी उम्र कम होना ठीक है। शादी के लिए अक्सर नौकरी पेशे वाले लड़के ढूढे जाते हैं, जाहिर है अगर लड़का नौकरी कर रहा है तो उसकी उम्र ठीकठाक ही होगी।
लड़कियां अक्सर भावुक होती हैं और ऐसे में अगर लड़का लड़की से बढा होता है तो उसे भावनात्मक तौर से सहारा भी देता है। दोनो की उम्र में अन्तर होने की वजह से लड़का, लड़की की भावनाओं को समझता भी है और उसे संभालता भी है।
यदि लड़का, लड़की के हमउम्र का होता है तो ऐसे में दोनों के बीच लड़ाई- झगड़े अधिक होते हैं। साथ ही दोनो को ताल-मेल बिठाने में भी वक्त लगता है। उम्र का अंतर होने पर रिस्पेक्ट बनी रहती है और झगड़े कम होते हैं।
उम्र के साथ व्यक्ति की सोच विकसित होने लगती है, वह चीजों को अच्छे से समझता है और किसी भी चीज में संतुलन सही तरीके से बना सकता है। क्योंकि एज-गैप होने से रिलेशनशिप का संतुलन बना रहता है।