उत्तर प्रदेशफीचर्ड

शान्ति, प्रेम एवं अहिंसा की आधारशिला है बौद्ध धर्म -स्वामी प्रसाद मौर्य

सीएमएस में धर्म संस्कृति संगम द्वारा ‘बौद्धमत-हिंसा से मुक्ति एवं विकास का मार्ग’ पर संगोष्ठी का आयोजन

लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड आडिटोरियम में आज बौद्ध महासम्मेलन आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि स्वामी प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री, उ.प्र. ने द्वीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया। अखिल भारतीय धर्म संस्कृति संगम के संरक्षक एवं प्रबुद्ध संघ विचारक इंद्रेश कुमार सम्मेलन के मुख्य वक्ता थे। समारोह की अध्यक्षता सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा जगदीश गाँधी ने की। यह सम्मेलन लद्दाख भूभाग के महान प्रणेता, समाजसेवी एवं बौद्ध धर्म के आदर्श चिंतक 19वें कुशोक बकुला रिनपोछे की जन्म शताब्दी (1917-2017) के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर धार्मिक संस्था धर्म-संस्कृति-संगम के तत्वावधान में एक विचार गोष्ठी ‘बौद्ध मत- हिंसा से मुक्ति एवं विकास का मार्ग’ विषय पर आयोजित की गई जिसमें प्रबुद्ध बुद्धिजीवीयों ने अपने विचार व्यक्त किये। इस समारोह में जुगल किशोर, सांसद, लखीमपुर खीरी, श्रीमती प्रियंका सिंह रावत, सांसद, बाराबंकी, श्री कौशल किशोर, सांसद, मोहनलालगंज आदि गणमान्य हस्तियों ने अपनी उपस्थिति से समारोह की गरिमा बढ़ाई।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि स्वामी प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री, उ.प्र. ने कहा कि बौद्ध धर्म एक महान धर्म है जिसका उद्देश्य विश्व के लोगों में शांति, प्रेम, अहिंसा तथा एकता का विचार लाना है। आज हम १९वें कुशोक बकुला रिनपोछे का जन्मशती समारोह मनाने यहाँ उपस्थित हुए हैं। कुशोक बकुला रिनपोछे लद्दाख के प्रमुख लामा तथा भारत के एक कुशल राजनीतिज्ञ तथा अंतर्राष्ट्रीय राजदूत थे। आज इस सम्मेलन में उनके प्रति सच्ची श्रद्धाजंली होगी यदि हम सभी धर्मों के लोग भाईचारे एवं एकता के साथ रहने की शपथ लें। अखिल भारतीय धर्म संस्कृति संगम के संरक्षक प्रबुद्ध संघ विचारक तथा समारोह के मुख्य वक्ता इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत भूमि सदियों से सभी धर्मों की आश्रय स्थली रही है। बौद्ध धर्म भी भारत की ही देन है बौद्ध धर्म एक मानवीय धर्म है क्योंकि यह ईश्वर को नहीं मनुष्य को महत्व देता है। भगवान बुद्ध ने अहिंसा की शिक्षा दी तथा सामाजिक बौद्धिक आर्थिक राजनीतिक स्वतंत्रता एवं समानता की शिक्षा भी दी है।

समारोह के अध्यक्ष प्रख्यात शिक्षाविद् तथा सी.एम.एस. के संस्थापक डॉ जगदीश गांधी ने इस अवसर पर कहा कि बौद्ध धर्म विज्ञान तथा नैतिकता पर आधारित है भगवान बुद्ध तथा महात्मा गांधी के विचारों में बहुत समानता थी। भगवान बुद्ध ने सत्य अहिंसा विश्व बंधुत्व तथा विश्व के कल्याण की शिक्षा दी जो की वर्तमान समय में विश्व की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है क्योंकि सर्वत्र व्याप्त हिंसा को समाप्त करके ही विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। धर्म संस्कृति संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सर्वदानन्द आर्य ने कहा कि इस संस्था का मुख्य उद्देश्य है कि भारत में उत्पन्न समस्त मतों ,धर्मो व पूजा पद्धतियों के अनुयायियों में एकता, सौहार्द, सहयोग व प्रेम उत्पन्न हो सके। महा कारुणिक तथागत भगवान बुद्ध का संदेश संपूर्ण विश्व में सहयोग प्रेम व शांति का सूचक है । यह सम्मलेन अवश्य ही पूरे विश्व को आतंकवाद का नाश करने हेतु हिंसा का मार्ग त्याग कर शांतिपूर्ण एवं प्रेममय वातावरण के निर्माण का सन्देश देगा। इस अवसर पर धर्म संस्कृति संगम के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के सलाहकार राजेश लम्बा भी उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button