अद्धयात्म

शाम के समय भूलकर भी न करें ये काम, वरना ‘दरिद्रता’ से तबाह हो जाएगा जीवन

शास्त्रों के अनुसार शाम के समय कौन से काम नहीं करने चाहिए: हिन्दू शास्त्र और धर्मग्रंथ आज के समय में भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने पहले कभी हुआ करते थे। हां, आज की पीढ़ी इन्हें अपने जीवन में स्थान देना, इनमें लिखे आदर्शों और सिद्धांतों को अपने जीवन में ढालना भूल गई है।

शाम के समय भूलकर भी न करें ये काम, वरना 'दरिद्रता' से तबाह हो जाएगा जीवनलेकिन इसका ये अर्थ कदापि नहीं है कि ये वैदिक धर्म की धरोहर माने जाने वाले ये शास्त्र अपना औचित्य गवां चुके हैं। आपने अक्सर अपने घर के बड़ों को यह कहते सुना होगा कि दिन ढलने के बाद ऐसा नहीं करते, वैसा नहीं करते।

जानिए धर्मशास्त्रों के अनुसार शाम के समय कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए… 

शाम के समय तुलसी छूना
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार दिन ढलने के बाद तुलसी को ना तो जल चढ़ाना चाहिए और ना ही उसके पत्तों को छूना चाहिए।
तुलसी के आगे दीपक
जल चढ़ाने के लिए दिन का समय शुभ माना गया है, परंतु शाम के समय आप तुलसी के आगे दीपक जरूर जला सकते हैं।
झाड़ू लगाना
सूरज छिपने के बाद अगर घर में झाड़ू लगाई जाए तो घर में दरिद्रता और बदहाली का वास होता है। ऐसा करने से घर की सारी सकारात्मकता घर से बाहर निकल जाती है।
किसी की बुराई करना
वैसे तो दिन के किसी भी समय किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए लेकिन विशेष रूप से दिन ढलने के बाद तो ऐसा कोई काम शास्त्रों में पूरी तरह वर्जित है।
संभोग
विवाहित दंपत्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कभी शाम के समय शारीरिक संबंध स्थापित ना करें। यह समय धार्मिक और पवित्र कार्यों के लिए होता है।
सोने से बचें
जिस समय दिन के दो पहर आपस में मिल रहे होते हैं, उस समय सोना नहीं चाहिए। ना तो यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और ना ही धार्मिक दृष्टि से उचित माना गया है।
बुजुर्ग और गर्भवती
बुजुर्ग और गर्भवती स्त्री शाम के समय जरूर सो सकती है। शास्त्रों के अनुसार जिन घरों में शाम के समय लोग सोते हैं, उनसे धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
क्रोध करने से बचें
शाम का वक्त धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह पूरा समय ईश्वर की उपासना के लिए निश्चित होता है, इस समय क्रोध या फिर किसी के साथ झगड़ा करना सही नहीं होता। घर में अशांति होने से लक्ष्मी की कृपा नहीं मिल पाती।
पढ़ाई
शाम के समय पढ़ाई भी नहीं करनी चाहिए, पढ़ाई करने के लिए उपयुक्त समय सुबह का होता है।
भोजन
शाम के समय भोजन ग्रहण करने से पेट की समस्याएं बढ़ जाती हैं और यह धार्मिक और वैज्ञानिक, दोनों ही दृष्टि से प्रमाणित है।
सही जीवनशैली
सनातन धर्म हमेशा से ही मनुष्य को सही जीवनशैली का पालन करना सिखाता आया है। हिन्दू धर्मशास्त्रों में पिरोए गए उपरोक्त सिद्धांतों को अगर जीवनशैली में ढाल लिया जाए तो मनुष्य काफी हद तक एक सहज जीवन व्यतीत कर सकता है।

Related Articles

Back to top button